भारत का पहला पीपीपी-मॉडल हवाई अड्डा, कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल), एक प्रमुख हरित और डिजिटल विस्तार योजना पर काम कर रहा है। इसमें दुनिया का पहला हवाई अड्डा-आधारित हरित हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करना, सौर ऊर्जा को 50 मेगावाट तक बढ़ाना, एमआरओ सेवाओं का विस्तार करना और आईटी पार्कों व लाइफस्टाइल ज़ोन के साथ एक एयरोट्रोपोलिस मॉडल बनाना शामिल है। ये पहल न केवल कार्बन न्यूट्रैलिटी लक्ष्यों के अनुरूप हैं, बल्कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के विज़न के तहत भारत के विमानन और व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को भी मज़बूत बनाती हैं।


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