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सौर ऊर्जा से हाइड्रोजन तक: जलवायु परिवर्तन से निपटने की कोचीन हवाई अड्डे की योजना

भारत का पहला पीपीपी-मॉडल हवाई अड्डा, कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआईएएल), एक प्रमुख हरित और डिजिटल विस्तार योजना पर काम कर रहा है। इसमें दुनिया का पहला हवाई अड्डा-आधारित हरित हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करना, सौर ऊर्जा को 50 मेगावाट तक बढ़ाना, एमआरओ सेवाओं का विस्तार करना और आईटी पार्कों व लाइफस्टाइल ज़ोन के साथ एक एयरोट्रोपोलिस मॉडल बनाना शामिल है। ये पहल न केवल कार्बन न्यूट्रैलिटी लक्ष्यों के अनुरूप हैं, बल्कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के विज़न के तहत भारत के विमानन और व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को भी मज़बूत बनाती हैं।

CIAL: सतत विमानन का भविष्य गढ़ता हुआ एक उदाहरण

भारत का पहला सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल वाला हवाई अड्डा कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (CIAL), 21वीं सदी में हवाई अड्डों की परिभाषा को नया स्वरूप दे रहा है। 150 से अधिक योजनाओं के साथ, यह हवाई अड्डा हरित ऊर्जा, डिजिटल अधोसंरचना और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य टिकाऊ विकास, तकनीक और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच संतुलन बनाते हुए भविष्य के लिए तैयार रहना है।

हरित ऊर्जा में क्रांति: CIAL की अगुवाई

दुनिया का पहला हवाई अड्डा-आधारित ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र
यह संयंत्र BPCL के सहयोग से तैयार किया गया है और अगस्त 2025 में उद्घाटन के लिए तैयार है।
– क्षमता: 1 मेगावॉट, प्रतिदिन 220 किलोग्राम हाइड्रोजन उत्पादन।
– उद्देश्य: हवाई अड्डे के भीतर और आसपास हरित गतिशीलता को बढ़ावा देना।
– महत्व: यह परियोजना CIAL को पूरी तरह सौर-ऊर्जा आधारित हवाई अड्डे की विरासत से आगे ले जाते हुए वैश्विक स्तर पर पहला हवाई अड्डा बनाती है जिसने ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की पहल की है।

सौर ऊर्जा का विस्तार

– वर्तमान सौर क्षमता: 50 मेगावॉट पीक (MWp)।
– प्रतिदिन 2 लाख यूनिट से अधिक बिजली उत्पादन।
– अब तक 35 करोड़ यूनिट से अधिक स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न।
– प्रति वर्ष 66,000 टन कार्बन उत्सर्जन की बचत, जो 30 लाख पेड़ लगाने के बराबर है।
ये प्रयास CIAL को वैश्विक कार्बन न्यूट्रैलिटी लक्ष्यों में अग्रणी बनाते हैं।

महत्वपूर्ण अधोसंरचना परियोजनाएं

आयात कार्गो टर्मिनल: 1 लाख वर्ग फुट का निर्माण व्यापारिक जरूरतों को पूरा करेगा।
भारत का सबसे बड़ा एयरो लाउंज — 0484 एयरो लाउंज
आपातकालीन सेवाओं का उन्नयन: आधुनिक अग्नि सुरक्षा व रेस्क्यू सिस्टम।
परिधीय घुसपैठ पहचान प्रणाली (PIDS)
गोल्फ रिज़ॉर्ट व कमर्शियल कॉम्प्लेक्स: यात्रियों और व्यापारिक आगंतुकों के लिए।
द्वितीय रनवे परियोजना: ₹1,200 करोड़ की भूमि अधिग्रहण योजना।
रेलवे ओवरब्रिज और तीन नए एक्सेस ब्रिज: बेहतर संपर्क के लिए।
पशु संगरोध एवं प्रमाणीकरण सेवा (AQCS): अक्तूबर 2024 में आरंभ, CIAL देश का 7वां ऐसा हवाई अड्डा बना जो पालतू जानवरों के आयात की सुविधा देता है।

एयरोट्रोपोलिस के रूप में CIAL की परिकल्पना

CIAL अब एयरोट्रोपोलिस मॉडल को अपनाने की दिशा में अग्रसर है, जहां हवाई अड्डा शहरी विकास का केंद्र बनता है। इसमें शामिल हैं:
– आईटी पार्क,
– व्यापारिक क्षेत्र,
– जीवनशैली केंद्र,
– पर्यटन विकास।
यह मॉडल केरल को वैश्विक निवेश और पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने के विज़न का हिस्सा है।

वैश्विक मान्यता और स्वीकृतियाँ

– CIAL को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के अंतर्गत ड्रग्स व कॉस्मेटिक्स के लिए अधिकृत प्रवेश बिंदु के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है।
– इसे अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क निदेशालय से AEO-LO (Authorised Economic Operator – Low Risk) का दर्जा मिला है, जो WCO SAFE फ्रेमवर्क के अनुरूप अनुपालन को दर्शाता है।

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