पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी और भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के कोच अंशुमन गायकवाड़ का 31 जुलाई 2024 को निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे और ब्लड कैंसर से पीड़ित थे। उनका इंग्लैंड के किंग्स कॉलेज लंदन में ब्लड कैंसर का इलाज चल रहा था और वह हाल ही में वडोदरा,गुजरात लौटे थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने लंदन में इलाज के लिए अंशुमन गायकवाड़ को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि भी दी थी।
अंशुमन भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज रहे हैं। उन्होंने भारत के लिए 1975 से लेकर 1987 तक क्रिकेट खेला। इस दौरान अंशुमन ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले। वह टीम इंडिया के कोच भी रहे। उन्होंने ये जिम्मेदारी दो बार संभाली। पहली बार वह 1997 से 1999 तक टीम के कोच रहे। इसके बाद 2000 में फिर दोबारा टीम के कोच बने।
इंटरनेशनल क्रिकेट में अंशुमन गायकवाड़ ने 40 टेस्ट की 70 पारियों में 30.07 की औसत से 1985 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 10 अर्धशतक और 2 शतक लगाए। क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में उनके नाम 2 विकेट भी हैं। इसके अलावा 15 वनडे की 14 पारियों में सलामी बल्लेबाज ने 269 रन ठोके। वनडे में उनके बल्ले से 1 अर्धशतक निकला। एकदिवसीय में उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 78 रन है। इसके अलावा उन्होंने 1 विकेट भी अपने नाम किया। गायकवाड़ ने 22 साल के करियर में 205 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले। वह पूर्व भारतीय कोच और राष्ट्रीय चयनकर्ता भी थे।
सम्मान और किताब
साल 2018 में, बीसीसीआई ने उन्हें सी.के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। यह पुरस्कार 1974 में बीसीसीआई द्वारा शुरू किया गया था और यह बीसीसीआई द्वारा किसी पूर्व भारतीय क्रिकेटर को दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। साल 2023 में उनकी आत्मकथा ‘गट्स एमिड ब्लडबाथ’ रिलीज हुई थी ।