भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 30 दिसंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 44 मिलियन डॉलर बढ़कर 562.85 बिलियन डॉलर हो गया। हालांकि, आंकड़ों से पता चला है कि वर्ष 2022 के दौरान, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 70.1 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है। बता दें जिस देश के पास मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार होता है, उस देश की आर्थिक स्थिति भी अच्छी मानी जाती है। ऐसा इसलिए होता है कि अगर दुनिया में कोई दिक्कत आ जाए तो देश अपनी जरूरत का सामान कई माह तक आसानी से मंगा सकता है। इसीलिए दुनिया के बहुत से देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार को काफी मजबूत बना कर रखते हैं।
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विदेशी मुद्रा भंडार में अस्थिरता
2022 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अस्थिरता को नियंत्रित करने और रुपये को मजबूत करने के लिए मुद्रा बाजार में आरबीआई के हस्तक्षेप के कारण गिरावट देखी गई। अक्टूबर 2021 में, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
विदेशी मुद्रा के मामले में दुनिया के टॉप 5 देश
- चीन 3.28 ट्रिलियन डॉलर
- जापान 1.22 ट्रिलियन डॉलर
- स्विट्जरलैंड 885,057 बिलियन डॉलर
- रूस 581,700 बिलियन डॉलर
- भारत 562,851 बिलियन डॉलर
जानिए क्यों घटा विदेशी मुद्रा भंडार
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 30 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान रिजर्व बैंक का गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 35.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 41.32 अरब डॉलर हो गई है। 30 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में इसकी विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 30.2 करोड़ डॉलर घटकर 498.19 अरब डॉलर रह गई। आपको बता दें कि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों की बढ़त या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल किया जाता है।