सरकार ने कहा कि अब तक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 4,900 करोड़ रुपये का निवेश किया है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली पीएलआई योजना को मार्च, 2021 में मंजूरी दी गई थी। इसे वित्त वर्ष 2026-27 तक सात साल की अवधि के लिए लागू किया जाना है।
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एक सरकारी बयान में कहा गया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए पीएलआई योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों में कुल 182 आवेदनों को मंजूरी दी गई है। इसमें मोटा अनाज आधारित उत्पादों के लिए पीएलआई योजना के तहत 30 आवेदन (8 बड़ी संस्थाएं और 22 एसएमई) शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि पीएलआई योजना के लाभार्थियों द्वारा बताए जा रहे आंकड़ों के अनुसार, योजना के तहत लगभग 4,900 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
मुख्य बिंदु
- चालू वित्त वर्ष में 800 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित किए जाने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि अबतक 107.3 करोड़ रुपये का बिक्री आधारित प्रोत्साहन वितरित किया जा चुका है।
- पीएलआई योजना के कार्यान्वयन से लगभग 30,000 करोड़ रुपये की खाद्य प्रसंस्करण क्षमता के विस्तार की सुविधा तथा वित्त वर्ष 2026-27 तक लगभग 2.5 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
- मंत्रालय ने कहा कि कुल 112 खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाएं वर्ष 2022 के दौरान पूरी की गईं और 706.04 करोड़ रुपये के निजी निवेश का लाभ उठाया गया तथा 25,293 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा हुए। वर्ष के दौरान लगभग 190 खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।