भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक विकास में, वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के रूप में कार्य करने की अनुमति मिल गई है। इस लाइसेंस के साथ, फ्लिपकार्ट अब पारंपरिक ऋणदाताओं के साथ साझेदारी की बजाय सीधे अपने ग्राहकों और विक्रेताओं को ऋण प्रदान कर सकेगा। यह पहली बार है जब किसी भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी को ऐसा लाइसेंस मिला है, जिससे ऑनलाइन रिटेल में फिनटेक एकीकरण को नई दिशा मिलेगी।
क्यों है यह खबर में?
RBI ने 13 मार्च 2025 को Flipkart Finance Private Limited को NBFC के रूप में पंजीकरण का प्रमाण पत्र जारी किया।
यह स्वीकृति इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अब फ्लिपकार्ट:
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सीधे ऋण दे सकेगा, बैंकों के माध्यम से नहीं।
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क्रेडिट क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से काम कर सकेगा।
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अपने ऐप super.money के माध्यम से फिनटेक सेवाओं का विस्तार कर सकेगा।
NBFC क्या होता है?
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NBFC यानी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, जो ऋण व क्रेडिट सेवाएँ देती है।
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ये बैंक की तरह जमा नहीं स्वीकार कर सकती।
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NBFCs का नियमन RBI अधिनियम, 1934 के तहत होता है।
फ्लिपकार्ट को NBFC लाइसेंस से क्या मिलेगा?
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फ्लिपकार्ट के प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों और विक्रेताओं को सीधे लोन दे सकेगा।
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अपने फिनटेक प्लेटफॉर्म super.money के ज़रिए पर्सनल लोन और व्यापारिक क्रेडिट उपलब्ध करा सकेगा।
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बैंकों और अन्य तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं होगी – स्वयं सेवा प्रदान करेगा।
पृष्ठभूमि
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फ्लिपकार्ट ने 2022 में NBFC लाइसेंस के लिए आवेदन किया था।
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पहले यह Axis Bank, IDFC Bank और Credit Saison के साथ साझेदारी कर लोन देता था।
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2024 में फ्लिपकार्ट की वैल्यूएशन 37 अरब डॉलर आँकी गई थी।
आगे के कदम
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प्रमुख अधिकारियों और बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति।
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ऋण मॉडल को अंतिम रूप देना।
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अगले कुछ महीनों में परिचालन शुरू होने की संभावना।
उद्योग परिप्रेक्ष्य
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अमेज़न ने हाल ही में बेंगलुरु की NBFC कंपनी Axio का अधिग्रहण किया है, जो RBI की मंज़ूरी का इंतज़ार कर रही है।
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फ्लिपकार्ट पहला प्रमुख भारतीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बन गया है जिसे NBFC स्वीकृति मिली है।