केरल उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केके उषा का निधन। उन्होंने 1991 से 2000 के दौरान एक न्यायाधीश के रूप में सेवाए दी थी। इसके बाद जब उन्हें 2000 से 2001 तक केरल उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया, तो न्यायमूर्ति उषा बार से उच्च न्यायालय न्यायपालिका में शामिल होने वाली पहली महिला बनीं और मुख्य न्यायाधीश बनीं थी।
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न्यायमूर्ति केके उषा के बारे में:
- उन्होंने 1961 में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू करने वाली न्यायमूर्ति उषा का एक न्यायाधीश के रूप में बहुत अच्छा कैरियर रहा और बाद में मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुनी गई।
- वह इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ वूमेन लायेर्स और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ वूमेन करियर द्वारा आयोजित महिलाओं के संबंध में ‘महिलाओं के संबंध में सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर संयुक्त राष्ट्र के संयुक्त सेमिनार’ में भारत की प्रतिनिधि थीं।
- वह एक विश्वविद्यालय महिला संघ की सदस्य और अध्यक्ष भी रही थीं।
- वह निराश्रित महिलाओं के अनाथालय और घर ‘श्री नारायण सेविका समाजम’ में भी सेवाए दिया करती थीं।



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