केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने नई दिल्ली के नेशनल साइंस सेंटर में पहली बार कोयला गैलरी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी का शीर्षक “ब्लैक डायमंड – गहराइयों का अनावरण” है, जो कोयले की यात्रा को उसके गठन से लेकर आधुनिक ऊर्जा उत्पादन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका तक दर्शाती है। इस गैलरी में इंटरैक्टिव डिस्प्ले के माध्यम से आगंतुकों को कोयला निष्कर्षण, खनन तकनीकों, पर्यावरणीय प्रथाओं और सतत ऊर्जा में भविष्य के नवाचारों के बारे में शिक्षित किया जाता है।
इंटरैक्टिव प्रदर्शनी और उन्नत तकनीक
- डायनामिक डियोरामा और वर्चुअल माइन डिसेंट: प्रदर्शनी में ओपन-कास्ट माइनिंग का डियोरामा और एक सिम्युलेटेड कोयला खदान अनुभव शामिल है, जो आगंतुकों को इंटरैक्टिव और वर्चुअल अनुभवों के माध्यम से खनन कार्यों का अन्वेषण करने की अनुमति देता है।
- ड्रैगलाइन सिम्युलेटर और अन्वेषण तकनीकें: एक ड्रैगलाइन सिम्युलेटर आगंतुकों को खनन मशीनरी संचालित करने की अनुमति देता है, जबकि डिजिटल डियोरामा कोल इंडिया लिमिटेड के पुनः प्राप्ति प्रयासों को प्रदर्शित करता है।
- रानीगंज माइनिंग रेस्क्यू श्रद्धांजलि: एक पुनर्निर्माण ऐतिहासिक रानीगंज बचाव अभियान में शामिल खनिकों की वीरता का सम्मान करता है।
शैक्षिक और पर्यावरणीय अंतर्दृष्टि
यह गैलरी कोयला खनन के बारे में गलत धारणाओं को दूर करती है, जिसमें तकनीकी प्रगति और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को उजागर किया गया है। यह भारत के विकास में कोयले की भूमिका की एक ऐतिहासिक कथा प्रदान करती है और ऊर्जा उत्पादन में नवाचार को प्रेरित करती है।