नतीजतन, एलएएफ के तहत रिवर्स रेपो रेट (आरआरआर) 5.75 फीसदी है, और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) की दर और बैंक दर 6.25 फीसदी है. 2017-18 की वास्तविक सकल मूल्यवर्धित (जीवीए) वृद्धि को अगस्त 2017 के 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया गया है.
अक्टूबर की पिछली बैठक में, आरबीआई ने दरों की यथापूर्व स्थिति को बनाए रखा. तब से, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति में 3.58% की वृद्धि, खाद्य और ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण, सात महीनों में सबसे तेज़ गति से हुई वृद्धि है.
अक्टूबर 2017 के बाद से, वैश्विक आर्थिक गतिविधि मुख्य रूप से उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (एई) द्वारा संचालित वर्ष की अंतिम तिमाही के माध्यम से गति प्राप्त कर रही है. अमेरिकी विकास तूफान के लिए काफी हद तक लचीला रहा और 2017 की तीसरी तिमाही में, पिछले तीन वर्षों में निजी उपभोग, निवेश गतिविधि और शुद्ध निर्यात में सकारात्मक योगदान के साथ, सबसे तेज़ गति से वृद्धि हुई.
- डॉ. उर्जित पटेल भारतीय रिज़र्व बैंक के 24वें गवर्नर हैं.
- मुंबई में आरबीआई मुख्यालय.
- एमपीसी की अगली बैठक फरवरी 6 और 7, 2018 को तय की गई है.