चंद्रमा के साउथ पोल की खोज: तापमान, रेंज और क्षेत्र
चंद्रमा का साउथ पोल अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण खोज का केंद्र बिंदु बन गया है। इसके तापमान, सीमा और क्षेत्र को समझना विभिन्न वैज्ञानिक प्रयासों और भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है।
दक्षिणी ध्रुव पर तापमान:
चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अपने स्थान के कारण अत्यधिक तापमान का अनुभव करता है।
छाया वाले क्षेत्रों में तापमान -230 डिग्री सेल्सियस (-382 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक गिर सकता है।
ऐसी ठंडी स्थितियाँ कुछ क्षेत्रों में लंबे समय तक सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति के कारण होती हैं।
दक्षिणी ध्रुव की सीमा:
चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अक्षांश की एक बड़ी श्रृंखला को कवर करता है।
लगभग 70 डिग्री दक्षिणी अक्षांश पर स्थित, यह चंद्र सतह के एक महत्वपूर्ण हिस्से तक फैला हुआ है।
इस ध्रुवीय क्षेत्र का विस्तार विविध भूभाग प्रदान करता है, जिसमें स्थायी छाया और रोशनी के क्षेत्र भी शामिल हैं।
दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र की विशेषताएँ:
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के आसपास का क्षेत्र प्रकाशित और छायादार दोनों क्षेत्रों की विशेषता रखता है।
निरंतर छाया वाले क्षेत्र जल-बर्फ संचय की क्षमता के कारण विशेष रुचि रखते हैं।
गड्ढों और ऊबड़-खाबड़ इलाकों की मौजूदगी लैंडिंग और अन्वेषण के लिए चुनौतियां खड़ी करती है।
वैज्ञानिक महत्व:
तापमान भिन्नता और बर्फ की उपस्थिति की जांच चंद्र भूविज्ञान और सतह प्रक्रियाओं को समझने में योगदान देती है।
ध्रुवीय क्षेत्रों में अद्वितीय प्रकाश व्यवस्था की स्थिति प्राचीन प्रभाव क्रेटरों का अध्ययन करने और ऐतिहासिक अभिलेखों को संरक्षित करने में सक्षम बनाती है।
ये अध्ययन चंद्रमा के भूवैज्ञानिक इतिहास, सौर मंडल के विकास और संभावित संसाधन उपयोग को जानने में सहायता करते हैं।