भारत के फिनटेक और नियामक परिदृश्य में एक उल्लेखनीय विकास के तहत, एक्सिमपे (EximPe) को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट एग्रीगेटर (Payment Aggregator – Cross Border, PA-CB) के रूप में काम करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। यह कदम विशेष रूप से भारत-एशिया व्यापार गलियारे में क्रॉस-बॉर्डर डिजिटल लेनदेन और ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार और डिजिटल सेवाओं में सीमा-पार भुगतान अहम होते जा रहे हैं, ऐसे नियामकीय अनुमोदन डिजिटल अर्थव्यवस्था में मजबूत अवसंरचना और अनुपालन को दर्शाते हैं।
RBI का PA-CB ढांचा उन भुगतान एग्रीगेटर्स को नियंत्रित करता है जो सीमा-पार लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं। इसके अंतर्गत कंपनियों को कड़े अनुपालन मानकों, डेटा सुरक्षा, लेनदेन निगरानी और पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करना होता है। एक्सिमपे अब स्काइडो (Skydo), पेपाल (PayPal), अमेजन पे इंडिया और बिलडेस्क (BillDesk) जैसे अन्य मान्यता प्राप्त खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गया है, जिनमें से कुछ को पहले ही पूर्ण लाइसेंस प्राप्त हैं।
इस सैद्धांतिक मंजूरी के साथ एक्सिमपे को भारत के उभरते हुए सीमा-पार भुगतान क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिली है। अब तक $450 मिलियन से अधिक का लेनदेन प्रोसेस कर चुका एक्सिमपे डिजिटल सेवाओं, बी2बी व्यापार और क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स में अपने दायरे को तेजी से बढ़ाने की तैयारी में है। यह लाइसेंस विशेष रूप से SMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) के लिए भुगतान प्रक्रियाओं को सरल बनाने में मदद करेगा, जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जटिल प्रक्रियाओं का सामना करते हैं।
कंपनी के संस्थापक अर्जुन ज़कारिया के अनुसार, एक्सिमपे का लक्ष्य FY26 तक 10 गुना वृद्धि हासिल करना है। कंपनी का फोकस ऐसे एशियाई बाजारों पर है जहां भारत के डिजिटल व्यापार संबंध मजबूत हैं। वह निर्यातकों और डिजिटल सेवा प्रदाताओं के लिए नियामकीय अनुपालन, मुद्रा रूपांतरण और सेटलमेंट की जटिलताओं को सरल बनाना चाहती है।
$3.5 मिलियन की इक्विटी फंडिंग के साथ, एक्सिमपे को मजबूत निवेशक समर्थन प्राप्त है। कंपनी अब तक 5,000 से अधिक SMEs, विनिर्माताओं और सेवा प्रदाताओं के साथ काम कर चुकी है, जिससे यह क्षेत्र में एक विश्वसनीय भागीदार बन चुकी है। यह फंडिंग तकनीकी उन्नयन, बाज़ार विस्तार और ग्राहक ऑनबोर्डिंग व सहायता प्रणाली को मजबूत करने में उपयोग की जाएगी। यह कदम न केवल एक्सिमपे की वृद्धि की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि भारत के सीमा-पार भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को भी नया आयाम देगा।
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