सामाजिक सुरक्षा कवरेज में सुधार और कानूनी विवादों को कम करने के एक ऐतिहासिक निर्णय में, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने 1 जुलाई से 31 दिसंबर, 2025 तक एसपीआरईई योजना (नियोक्ता/कर्मचारियों के पंजीकरण को बढ़ावा देने की योजना) को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। इसके साथ ही, इसने एमनेस्टी स्कीम-2025 की शुरुआत की है, जो 1 अक्टूबर, 2025 से 30 सितंबर, 2026 तक चलने वाली एकमुश्त विवाद समाधान खिड़की है। इन पहलों का उद्देश्य औपचारिक पंजीकरण को बढ़ावा देना, बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंच सुनिश्चित करना और ईएसआई अधिनियम के तहत स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देना है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2025 तक SPREE योजना (Scheme to Promote Registration of Employers/Employees) को दोबारा शुरू करने की घोषणा की है। साथ ही, “एमनेस्टी स्कीम – 2025” नामक एक एकमुश्त विवाद समाधान योजना को 1 अक्टूबर 2025 से 30 सितंबर 2026 तक लागू किया जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देना, कानूनी विवादों को सुलझाना, और अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना है।
यह घोषणाएँ शिमला में आयोजित ईएसआईसी की 196वीं बैठक के दौरान की गईं, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने की। इसमें नीतिगत फैसलों के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के एकीकरण, और श्रमिक कल्याण को प्राथमिकता दी गई।
अपंजीकृत नियोजकों और छूटे हुए कर्मचारियों को एकमुश्त पंजीकरण का अवसर।
नियोजक के लिए कवरेज घोषित तिथि से लागू होगा।
कर्मचारियों को पंजीकरण की तिथि से लाभ मिलेगा।
दंड नहीं, स्वैच्छिक अनुपालन पर ज़ोर।
पुराने विवादों को सुलझाने और लंबित कानूनी मामलों को कम करने के लिए।
नुकसान, ब्याज और कवरेज संबंधित मामलों को शामिल किया गया।
क्षेत्रीय निदेशक केस वापस ले सकते हैं यदि:
संबंधित योगदान और ब्याज का भुगतान हो चुका हो।
मामला 5 साल से अधिक पुराना हो और कोई नई नोटिस न आई हो।
राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना के तहत नौकरी छूटने पर लाभ के लिए आवेदन की 12 माह की सीमा में ढील देने का अधिकार ईएसआईसी के महानिदेशक को।
आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को ESIC के तहत एकीकृत करना।
समग्र एवं कल्याण-केंद्रित स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा।
दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए।
अस्पताल OPD से लेकर इमरजेंसी सेवाओं तक सभी सुविधाएं देंगे।
औपचारिकरण को प्रोत्साहन: पंजीकरण की प्रक्रिया सरल बनाकर नियोजकों और कर्मचारियों को प्रणाली में लाना।
विवादों का समाधान: बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के निपटारा।
स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार: आधुनिक और पारंपरिक दोनों चिकित्सा पद्धतियों पर बल।
सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच: विशेष रूप से पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में लाभ पहुंचाना।
सरकार के प्रति भरोसा बढ़ाना: श्रमिक और नियोजक दोनों को सहयोगी दृष्टिकोण।
ईएसआईसी की स्थापना: 1948, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के तहत
संबद्ध मंत्रालय: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
सेवाएं: चिकित्सा, बीमारी, मातृत्व, विकलांगता व मृत्यु लाभ
RGSKY: बेरोजगारी भत्ता योजना — बीमित व्यक्ति को नौकरी छूटने पर सहायता प्रदान करता है।
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