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2023-2024 में वैश्विक मौसम पैटर्न पर अल नीनो का संभावित प्रभाव

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यूएस नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के वैज्ञानिकों ने 08 जून 2023 को कहा कि एक अपेक्षित अल नीनो सक्रिय हो गया है। जिसकी वजह से रिकॉर्ड गर्मी पड़ने के आसार नजर आ रहे हैं। बता दें कि अल नीनो का पैटर्न आखिरी बार साल 2018-19 में देखा गया और यह औसतन दो से सात साल में सक्रिय होता है। जलवायु विज्ञानी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन अल नीनो से संबंधित कुछ प्रभावों को बढ़ा या कम कर सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि अल नीनो तापमान के नए रिकॉर्ड बना सकता है। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो पहले से ही अल नीनो के दौरान औसत से अधिक तापमान की मार झेल रहे हैं।

 

अल नीनो क्या होता है?

अल नीनो प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र में समुद्री घटनाओं में से एक है। समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर बदलाव होने से दुनियाभर के मौसम पर इसका असर दिखता है। अल नीनो एक ऐसी स्थिति है जिसकी वजह से तापमान गर्म होता है। अल नीनो को जलवायु प्रणाली का ही हिस्सा माना जाता है। इसकी वजह से मौसम पर गहरा असर पड़ता है।

 

कैसे मौसम पर असर डालता है अल नीनो

अल नीनो के कारण प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह तापमान सामान्य से ज्यादा होने के कारण समुद्र में चल रही हवाओं के रास्ते और रफ्तार में परिवर्तन आ जाते हैं। इससे मौसम चक्र प्रभावित होता है और पूरी दुनिया में इसका असर दिखाई देता है। अल नीनो के कारण बारिश, ठंड, गर्मी सब में अंतर आ जाता है। दुनियाभर में तमाम स्‍थानों पर भारी बारिश, बाढ़ और सूखे जैसी स्थितियां सामने आती हैं। अल नीनो के कारण भारत में भी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने के आसार बताए जा रहे हैं।

 

चेतावनी जारी

 

गौरतलब है कि विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) पहले ही अल नीनो को लेकर चेतावनी जारी कर चुका है, जिसके मुताबिक यह जुलाई के अंत तक बन सकता है। डब्ल्यूएमओ द्वारा जारी अपडेट के मुताबिक इस बात की 60 फीसदी आशंका है कि मई से जुलाई के बीच ईएनएसओ, अल नीनो में बदल जाएगा। वहीं जून से अगस्त के बीच इसके बनने की आशंका 70 फीसदी और सितंबर में बढ़कर 80 फीसदी पर पहुंच जाएगी।

 

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