
शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच ‘दीक्षा’ को आधुनिक रूप देने के लिए ऑरैकल क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर का चयन किया है। ऑरैकल ने कहा कि शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच ‘डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग’ (दीक्षा) को अधिक उन्नत और छात्रों के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने का दायित्व सरकार ने कंपनी को सौंपा है। इससे मंच की सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी लागत भी कम होगी। इस मंच से देश के 35 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 14.8 लाख स्कूल जुड़े हुए हैं। स्कूली शिक्षा एवं बुनियादी शिक्षा के लिए समर्पित यह कार्यक्रम 36 भाषाओं में उपलब्ध है।
दीक्षा प्लेटफॉर्म के बारे में
- यह प्लेटफ़ॉर्म 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1.48 मिलियन स्कूलों को समर्थन देता है और 36 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।
- DIKSHA को स्कूली शिक्षा और मूलभूत शिक्षण कार्यक्रमों के लिए बनाया गया था और यह भारत की सबसे बड़ी और सबसे सफल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) पहलों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है।
- एकस्टेप फाउंडेशन द्वारा विकसित ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म सनबर्ड – DIKSHA का उपयोग करने से शिक्षकों को देश भर में वंचित समुदायों और विकलांग छात्रों के लिए समावेशी शिक्षा का समर्थन करने में मदद मिलती है।
- सरकारी और निजी स्कूलों के 200 मिलियन से अधिक छात्र और सात मिलियन शिक्षक 11,000 से अधिक योगदानकर्ताओं की सामग्री तक पहुंचते हैं।
- प्लेटफ़ॉर्म के उपयोगकर्ता राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) जैसे स्रोतों से प्रति दिन 1.2 पेटाबाइट पाठ और वीडियो सामग्री स्ट्रीम करते हैं।
- कंपनी ने कहा कि हाल ही में ओसीआई में स्थानांतरित होने के बाद से दीक्षा ने अधिक स्केलेबिलिटी, सुरक्षा, लागत-प्रभावशीलता और मांग-आधारित क्षमता को समायोजित करने की क्षमता हासिल कर ली है, जिससे यह अधिक सामग्री वितरित करने और अधिक छात्रों और शिक्षकों की सेवा करने में सक्षम हो गई है।
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