तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में 7.8 तीव्रता के भीषण भूकंप के दो झटकों से बड़ी तबाही आई है। तुर्की और सीरिया में भूकंप से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और कई इमारतें ध्वस्त हो गईं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में भूकंप से अब तक 76, तो सीरिया में 86 मौतों की पुष्टि हुई है। बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत कार्य चल रहा है। मौतों का आंकड़ा बढ़ने का अनुमान है। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। भूकंप ने दक्षिण तुर्की के गजिएनटेप शहर को दहला दिया है।
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यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। भूकंप के झटके दूर सीरिया तक महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई इमारतों को नुकसान पहुंचने की खबरें आई हैं। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की मानें तो भूकंप की वजह से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है।
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
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