एशिया का सबसे पुराना (Asia’s oldest) और दुनिया का तीसरा सबसे पुराना (world’s third oldest) फुटबॉल टूर्नामेंट डुरंड कप (Durand Cup) एक साल के अंतराल के बाद वापसी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। डुरंड कप का 130वां संस्करण 05 सितंबर से 03 अक्टूबर, 2021 के बीच कोलकाता (Kolkata) और उसके आसपास आयोजित होने वाला है। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले सीजन में प्रतियोगिता रद्द कर दी गई थी।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
डुरंड कप का इतिहास:
- प्रतिष्ठित टूर्नामेंट पहली बार 1888 में दगशाई (Dagshai) (हिमाचल प्रदेश -Himachal Pradesh) में आयोजित किया गया था और इसका नाम मोर्टिमर डुरंड (Mortimer Durand) के नाम पर रखा गया था, जो उस समय भारत के प्रभारी विदेश सचिव थे।
- टूर्नामेंट शुरू में ब्रिटिश सैनिकों (British troops) के बीच स्वास्थ्य (health) और फिटनेस (fitness) को बनाए रखने का एक सचेत तरीका था, लेकिन बाद में इसे नागरिकों के लिए खोल दिया गया और वर्तमान में यह दुनिया के प्रमुख खेल आयोजनों में से एक है।
- मोहन बागान (Mohun Bagan) और ईस्ट बंगाल (East Bengal) डुरंड कप के इतिहास में सबसे सफल टीमें हैं जिन्होंने इसे सोलह बार जीता है।
- विजेता टीम को तीन ट्राफियां अर्थात राष्ट्रपति कप (पहली बार डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा प्रस्तुत), डुरंड कप (मूल चुनौती पुरस्कार – एक रोलिंग ट्रॉफी) और शिमला ट्रॉफी (पहली बार 1903 में शिमला के नागरिकों द्वारा प्रस्तुत की गई और 1965 के बाद से एक रोलिंग ट्रॉफी) प्रदान की जाती है।