बेंगलुरु की पेट फूड कंपनी Drools अब आधिकारिक रूप से यूनिकॉर्न बन गई है, यानी इसका मूल्यांकन 1 अरब डॉलर (लगभग ₹8,300 करोड़) से अधिक हो गया है। यह मुकाम तब हासिल हुआ जब स्विट्ज़रलैंड की मशहूर कंपनी Nestle ने Drools में अल्पांश हिस्सेदारी खरीद ली।
Nestle ने इस निवेश की पुष्टि की है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया है कि Drools स्वतंत्र रूप से काम करती रहेगी और अपने सभी फैसले खुद लेगी। सौदे की रकम का खुलासा नहीं किया गया है। इस साझेदारी का उद्देश्य Drools को आर्थिक समर्थन देना है, जबकि कंपनी की मौजूदा टीम और रणनीति को बरकरार रखा जाएगा।
Drools इस साल भारत की चौथी यूनिकॉर्न कंपनी बन गई है। इससे पहले:
जनवरी में Deeptech स्टार्टअप Netradyne
अप्रैल में डिजिटल पेमेंट कंपनी Juspay
और मई में लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म Porter ने यह दर्जा प्राप्त किया था।
Drools की यह उपलब्धि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक और बड़ी कामयाबी है।
भारत में पालतू जानवरों से जुड़ा उद्योग बहुत तेजी से बढ़ रहा है। खासकर शहरी युवाओं के बीच पालतू जानवरों को पालने का चलन बढ़ा है और वे उनके भोजन, ग्रूमिंग और स्वास्थ्य पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं। यह ट्रेंड बढ़ती आय, छोटे परिवारों और पालतुओं को परिवार का हिस्सा मानने की सोच के कारण देखने को मिल रहा है।
यह उद्योग हर साल 20% से अधिक की दर से बढ़ रहा है और 2026 तक इसका मूल्य $1.15 अरब डॉलर (लगभग ₹9,500 करोड़) तक पहुंचने की उम्मीद है।
Drools की शुरुआत 2010 में हुई थी और आज यह भारत के सबसे बड़े पेट फूड ब्रांड्स में से एक बन चुकी है। इसे लग्ज़री समूह LVMH से जुड़े L Catterton नामक निवेशक से समर्थन मिला। 2023 में Drools ने $60 मिलियन का निवेश हासिल किया जिससे उत्पादन और वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाया गया।
Drools का मुकाबला अंतरराष्ट्रीय कंपनी Mars PetCare और भारतीय ब्रांड Heads Up for Tails जैसे बड़े नामों से होता है।
Nestle दुनिया भर में अपने पेट फूड ब्रांड Purina के लिए जानी जाती है, लेकिन भारत में इसका प्रभाव अब तक सीमित रहा है। Drools में निवेश करके Nestle ने भारतीय बाजार में बिना सीधा संचालन बदले एंट्री पा ली है।
इस साझेदारी से Drools को Nestle के वैश्विक अनुभव और व्यावसायिक रणनीतियों से सीखने का भी अवसर मिलेगा।
Nestle अकेली कंपनी नहीं है जो भारत के पालतू देखभाल क्षेत्र में रुचि दिखा रही है। Godrej Consumer Products भी अब इस क्षेत्र में सक्रिय हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जो कभी एक नीश मार्केट था, वह अब मुख्यधारा का एक आकर्षक व्यापार क्षेत्र बनता जा रहा है।
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