gdfgerwgt34t24tfdv
Home   »   डीआरडीओ की बनाई पनडुब्बी रोधी मिसाइल...

डीआरडीओ की बनाई पनडुब्बी रोधी मिसाइल का सफल परीक्षण

डीआरडीओ की बनाई पनडुब्बी रोधी मिसाइल का सफल परीक्षण |_3.1

भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के मामले में एक और बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल भारतीय नौसेना ने पनडुब्बी रोधी मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया है। भारतीय नौसेना ने ओडिशा में बालासोर के तट पर सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया। यह अगली पीढ़ी का मिसाइल सिस्टम है, जो लाइटवेट टॉरपीडो डिलीवरी सिस्टम पर आधारित है। इसे डीआरडीओ द्वारा ही डिजाइन और विकसित किया गया है।

 

यह मिसाइल सिस्टम बेहद अहम

पनडुब्बी रोधी युद्ध में यह मिसाइल सिस्टम बेहद अहम है। यह मिसाइल लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। SMART मिसाइल को युद्धक जहाज के साथ ही तटीय इलाकों से भी लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल अपनी अधिकांश उड़ान कम ऊंचाई पर हवा में पूरी करती है और अपने लक्ष्य के नजदीक जाकर मिसाइल से टॉरपीडो रिलीज होकर पानी के भीतर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। कैनिस्टर आधारित इस मिसाइल सिस्टम में कई आधुनिक सब-सिस्टम हैं, जिनमें दो चरणीय सॉलिड प्रोपल्शन सिस्टम, इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्टुएटर सिस्टम , नेविगेशन सिस्टम आदि शामिल हैं। यह सिस्टम एक कम वजनी टॉरपीडो को बतौर पेलोड साथ लेकर उड़ान भरता है, जिसमें पैराशूट आधारित रिलीज सिस्टम होता है। आज के परीक्षण में टॉरपीडो के मिसाइल सिस्टम से अलग होने और अन्य तकनीकी पहलुओं की जांच की गई।

 

टॉरपीडो एक सिगार के आकार का हथियार

टॉरपीडो एक सिगार के आकार का हथियार होता है, जिसे पनडुब्बी, युद्धक जहाज या लड़ाकू विमान से दागा जा सकता है। यह टॉरपीडो अपने लक्ष्य के संपर्क में आते ही धमाके के साथ विस्फोट हो जाता है। इस मिसाइल सिस्टम के नौसेना में शामिल होने के बाद नौसेना की मेरीटाइम क्षमता काफी बढ़ जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SMART मिसाइल सिस्टम के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे नौसेना की क्षमताएं बढ़ेंगी।

FAQs

डीआरडीओ का मुख्यालय कहां है?

DRDO रक्षा मंत्रालय का एक सैन्य अनुसंधान और विकास विंग है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में है।

TOPICS: