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डीआरडीओ ने हाइपरसोनिक मिसाइलों के लिए स्क्रैमजेट तकनीक का किया सफल परीक्षण

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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो ध्वनि की गति तुलना में छह गुना अधिक क्षमता वाला मानव रहित स्क्रैमजेट वाहन है। यह परीक्षण ओडिशा के तट के पास व्हीलर द्वीप में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम लॉन्च कॉम्प्लेक्स से किया गया था। इसके साथ ही भारत अब, अमेरिका, रूस और चीन के उस एलीट क्लब में शामिल हो गया है जिसने हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी का विकास और सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
About HSTDV
  • HSTDV स्वदेशी रूप से विकसित हाइपरसोनिक वायु-श्वास स्क्रैमजेट तकनीक का परीक्षण करता है। स्क्रैमजेट वायु-श्वास जेट इंजन का एक प्रकार है, जो ध्वनि की गति की तुलना में बहुत अधिक गति वाले एयरफ्लो को संभालने की क्षमता रखता है।
  • हाइपरसोनिक क्रूज यान को एक विशेष सॉलिड रॉकेट मोटर का उपयोग करके लॉन्च किया गया था, जो इसे 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जाएगा। योजना अनुसार क्रूज़ वाहन लॉन्च वाहन से अलग हो गया और हवा लेने लगा।
  • हाइपरसोनिक दहन निरंतर बना रहा और क्रूज़ यान अपने निर्धारित रास्ते पर ध्वनि की गति की तुलना में छह गुना अधिक वेग से चलता रहा, जो 20 सेकंड से अधिक समय तक लगभग दो किलोमीटर प्रति सेकंड है।
  • ईंधन इंजेक्शन और स्क्रैमजेट के ऑटो-इग्निशन जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं ने तकनीकी परिपक्वता का प्रदर्शन किया।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • DRDO के अध्यक्ष: डॉ. जी. सतीश रेड्डी.
  • DRDO मुख्यालय: नई दिल्ली.

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