रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज से तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ का अंतिम परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस मिसाइल के सफल अंतिम परीक्षण के बाद टैंक-रोधी मिसाइल नाग भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। अंतिम परीक्षण के बाद, मिसाइल अब उत्पादन चरण में प्रवेश करेगी।
“NAG” के बारे में:
- नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है, जो दिन और रात दोनों ही परिस्थितियों में अत्यधिक किलेबन्द दुश्मन के टैंकों को मार गिराने में सक्षम है।
- इसकी परिचालन सीमा 500 मीटर से 20 किमी तक की है।
- इसे DRDO के इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत डिफेंस PSU भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा निर्मित किया जाएगा।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-
- DRDO के अध्यक्ष: डॉ. जी. सतीश रेड्डी.
- DRDO मुख्यालय: नई दिल्ली.