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कैबिनेट ने डेटा प्रोटेक्शन बिल के ड्राफ्ट को दी मंजूरी

कैबिनेट ने डेटा प्रोटेक्शन बिल के ड्राफ्ट को दी मंजूरी |_3.1

केंद्रीय कैबिनेट ने 05 जुलाई 2023 को पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी। इस बिल को संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। केंद्र ने सबसे पहले दिसंबर 2019 में संसद में व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019 पेश किया था। लेकिन हितधारकों और विभिन्न एजेंसियों की प्रतिक्रिया को देखते हुए, विधेयक को अगस्त 2022 में वापस ले लिया गया। उसके बाद 18 नवंबर, 2022 को, सरकार ने एक नया मसौदा पेश किया और इस पर व्यापक एवं विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। अब इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।

 

क्यों है इस विधेयक की जरुरत?

 

दरअसल, देश में डिजिटल क्रांति के बीच देश के नागरिकों के डेटा सुरक्षित रखने को लेकर दबाव बढ़ रहा था। इससे जुड़े अपराधों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जरुरी था कि ऐसा कानून बने जिससे आम लोगों का डेटा सुरक्षित हो और इसका उल्लंघन करनेवालों पर कड़ी कार्रवाई हो। यह डेटा प्रोटेक्शन बिल नागरिकों के डिजिटल अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करेगा और डेटा संबंधित फ्रॉड को नियंत्रित करेगा।

 

मसौदे के प्रावधान

 

  • डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2022 के पुन: प्रस्तुत मसौदे में गैर-कंपनियों से लेकर कंपनियों तक पर छह प्रकार के दंड का प्रस्ताव किया गया है।
  • पहले नियम के मुताबिक देश के पर्सनल डेटा का संग्रह और उपयोग लीगल मीडियम से होना चाहिए और इसके मिसयूज को कंट्रोल करते हुए उसके प्रोटेक्शन को लेकर पारदर्शिता बनाई जानी चाहिए।
  • व्यक्तिगत डेटा उल्लंघन को रोकने के लिए, मसौदा विधेयक में 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है।
  • व्यक्तिगत डेटा उल्लंघन की स्थिति में बोर्ड और प्रभावित पक्षों को सूचित करने में विफलता और बच्चों के संबंध में अतिरिक्त दायित्वों को पूरा न करने पर 200 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
  • इस अधिनियम के (1) से (5) में सूचीबद्ध प्रावधानों के अलावा अन्य प्रावधानों और इसके तहत बनाए गए किसी भी नियम का अनुपालन न करने पर 50 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
  • डेटा प्रोटेक्शन बिल, डेटा के न्यूनतम इस्तेमाल की बात करता है जिसके मुताबिक देश के किसी भी नागरिक का केवल रिलेवेंट डाटा, पहले से निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ही करना चाहिए।

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FAQs

भारत का सबसे ऊँचा जलप्रपात कौन सा है?

कुंचिकल जलप्रपात भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात है। इसकी ऊंचाई 455 मीटर है और यह कर्नाटक के शिमोगा जिले में वाराही नदी पर स्थित है।