भारत की फ़िल्म उद्योग को 20 नवंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिला, जब सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने गोवा के पणजी में आयोजित 56वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव (IFFI) में WAVES फ़िल्म बाज़ार 2025 का उद्घाटन किया। दक्षिण एशिया के अग्रणी फ़िल्म उद्योग कार्यक्रमों में गिने जाने वाले इस फ़िल्म बाज़ार का उद्देश्य फ़िल्म निर्माताओं, प्रोड्यूसरों, डिस्ट्रीब्यूटर्स, फ़िल्म फ़ेस्टिवल प्रोग्रामर्स और फ़ाइनैंसर्स को एक ही मंच पर लाना है, ताकि सहयोग, नवाचार और उद्योग के विकास को बढ़ावा मिल सके।
WAVES फ़िल्म बाज़ार, IFFI (भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव) का आधिकारिक फ़िल्म मार्केट खंड है और फ़िल्म निर्माताओं—विशेषकर नए और उभरते रचनाकारों—के लिए एक ऐसा मंच है जहाँ वे उद्योग विशेषज्ञों से जुड़ सकते हैं। IFFI के साथ हर वर्ष आयोजित होने वाला यह फ़िल्म बाज़ार रचनात्मक सहयोग और वित्तीय साझेदारी दोनों को बढ़ावा देता है।
फ़िल्म बाज़ार बहु-आयामी प्लेटफ़ॉर्म के रूप में कार्य करता है और निम्न माध्यमों से फ़िल्मकारों का समर्थन करता है:
को-प्रोडक्शन मार्केट: अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और साझेदारी चाहने वाली फ़ीचर फ़िल्मों और डाक्यूमेंट्रीज़ को प्रदर्शित करता है।
स्क्रीनराइटर्स लैब: चयनित पटकथा लेखकों को वैश्विक विशेषज्ञों के मार्गदर्शन और मेंटरशिप प्रदान करता है।
व्यूइंग रूम: भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंटेंट की क्यूरेटेड डिजिटल लाइब्रेरी, जिसे खरीदार और वितरक पूर्वावलोकन कर सकते हैं।
इंडस्ट्री पैनल और मास्टरक्लास: वैश्विक सिनेमा के रुझानों, चुनौतियों और अवसरों पर विशेषज्ञ चर्चाएँ।
56वें IFFI के साथ आयोजित यह फ़िल्म बाज़ार 20 से 24 नवंबर 2025 तक चला। यह फ़िल्म बाज़ार का 19वाँ संस्करण है, जिसमें वैश्विक भागीदारी और विविधता बढ़ी है।
मुख्य आकर्षण:
22 से अधिक फ़ीचर फ़िल्में और 5 डाक्यूमेंट्रीज़ को-प्रोडक्शन मार्केट के लिए चुनी गईं।
कई भारतीय भाषाओं की परियोजनाएँ शामिल, जो भारत के क्षेत्रीय सिनेमा की ताकत को दर्शाती हैं।
30 से अधिक देशों के प्रतिनिधि—फ़िल्म फ़ेस्टिवल क्यूरेटर, OTT प्रतिनिधि और सेल्स एजेंट शामिल।
राज्यों के फ़िल्म इंसेंटिव और अंतरराष्ट्रीय को-प्रोडक्शन समझौतों का प्रदर्शन।
युवा फ़िल्मकारों के लिए विशेष पिचिंग सत्र और डेब्यू निर्देशकों की मेंटरशिप।
WAVES फ़िल्म बाज़ार सिर्फ एक नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म नहीं है, बल्कि यह भारत की वैश्विक रचनात्मक अर्थव्यवस्था में बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है।
इसका महत्व:
उभरते रचनाकारों को सशक्त बनाना: नए फ़िल्मकारों को वैश्विक मार्गदर्शकों, निवेशकों और वितरकों तक पहुँच देता है।
क्षेत्रीय सिनेमा को बढ़ावा: विभिन्न भारतीय भाषाओं और सांस्कृतिक कहानियों को वैश्विक मंच मिलता है।
को-प्रोडक्शन को प्रोत्साहन: भारतीय फ़िल्मकारों और अंतरराष्ट्रीय स्टूडियो के बीच साझेदारी मजबूत होती है।
भारत की सांस्कृतिक कूटनीति को मजबूती: भारतीय कहानी कहने की कला देश की सॉफ्ट पावर बढ़ाती है।
वैश्विक मार्केट इकोसिस्टम का निर्माण: भारत को वैश्विक फ़िल्म उद्योग का महत्वपूर्ण केंद्र बनाता है।
इवेंट: WAVES फ़िल्म बाज़ार 2025
स्थान: पणजी, गोवा
तिथि: 20–24 नवंबर 2025
अवसर: 56वाँ भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव (IFFI)
उद्घाटनकर्ता: डॉ. एल. मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री
संस्करण: 19वाँ
मुख्य फोकस: को-प्रोडक्शन, भारतीय कहानी कहने की कला, उभरते रचनाकार
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