धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, दिवाली पर्व की शुरुआत का आनंदमय दिन है। यह दिन गौरी लक्ष्मी, धन की देवी, और भगवान धन्वंतरि, स्वास्थ्य के देवता, को समर्पित है। लोग अपने घरों की सफाई, दीपक जलाना, सोना या बर्तन खरीदना और लक्ष्मी पूजन करके सौभाग्य, समृद्धि और खुशियाँ आमंत्रित करते हैं।
धनतेरस 2025 – तिथि और समय
धनतेरस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
-
तारीख: शनिवार, 18 अक्टूबर 2025
-
त्रयोदशी तिथि आरंभ: 18 अक्टूबर – 12:18 PM
-
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर – 01:51 PM
-
प्रादोष काल: 18 अक्टूबर – 05:48 PM से 08:19 PM
-
वृषभ काल: 18 अक्टूबर – 07:15 PM से 09:11 PM
-
धनतेरस पूजन मुहूर्त: 18 अक्टूबर – 07:15 PM से 08:19 PM
प्रादोष काल और वृषभ काल को धनतेरस पर लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है।
धनतेरस पर किए जाने वाले अनुष्ठान
-
घर की सफाई और सजावट करें, विशेषकर मुख्य प्रवेश द्वार को, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी माता स्वच्छ और रोशनी वाले घरों में आती हैं।
-
दीपक जलाएं – मुख्य द्वार पर चार मिट्टी या आटे के दीपक रखें।
-
देवताओं की पूजा करें – लक्ष्मी माता, गणेश जी, धन्वंतरि, कुबेर, यमराज को नमन।
-
भेंट चढ़ाएं – फूल, मिठाइयाँ, फल और धूप आदि।
-
सोना या धातु की खरीदारी करें – सोना, चाँदी या नए बर्तनों की खरीदारी को शुभ माना जाता है।
-
यम दीप – मुख्य द्वार के पास चारमुखी दीपक जलाकर यमराज की पूजा करें, जिससे परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु से सुरक्षा मिले।
धनतेरस पर लोग क्या खरीदते हैं?
धनतेरस को शुभ खरीदारी का दिन माना जाता है। सामान्यत: लोग निम्नलिखित वस्तुएँ खरीदते हैं:
-
सोना और चाँदी के आभूषण
-
तांबा, पीतल और चाँदी के बर्तन
-
झाड़ू, दीपक, रसोई के बर्तन जैसे घरेलू सामान
-
इलेक्ट्रॉनिक्स: मोबाइल, रेफ्रिजरेटर, लैपटॉप आदि
-
वाहन और नए उपकरण
-
दिवाली पूजा के लिए लक्ष्मी और गणेश की मिट्टी या धातु की मूर्तियाँ
धनतेरस पर पूज्य देवता
-
भगवान धन्वंतरि: स्वास्थ्य और आयुर्वेद के देवता, उनकी पूजा से स्वास्थ्य, रोगमुक्त जीवन और लंबी आयु मिलती है।
-
लक्ष्मी माता: धन, समृद्धि और सुख-समृद्धि की देवी।
-
गणेश जी: बाधाओं के नाशक, नई शुरुआत और बुद्धि के लिए पूज्य।
-
कुबेर: धन और संपत्ति के देवता, वित्तीय स्थिरता के लिए पूज्य।
-
यमराज: यम दीप जलाकर परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु और दुर्भाग्य से सुरक्षा।
धनत्रयोदशी का महत्व
धनतेरस, पांच दिवसीय दिवाली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, जो स्वास्थ्य और दीर्घायु का प्रतीक है।
आध्यात्मिक संदेश:
-
स्वास्थ्य और धन दोनों का समान महत्व समझें।
-
नई शुरुआत सकारात्मक ऊर्जा के साथ करें।
-
घर और मन की सफाई कर समृद्धि का स्वागत करें।
-
दीपक जलाकर अंधकार और नकारात्मकता को दूर करें।


अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस 2025: भारत में च...
भारतीय नौसेना दिवस 2025: समुद्री ताकत और...
अंतर्राष्ट्रीय बैंक दिवस 2025: इतिहास और...

