धनलक्ष्मी बैंक के डॉयरेक्टर श्रीधर कल्याणसुंदरम ने बोर्ड पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होने बोर्ड पर अनैतिक आचरण, सत्ता का एकतरफा अहंकार, मुद्दों की कम समझ और गुटबाजी जैसे आरोप लगाए हैं. बता दें कि कल्याणसुंदरम ने ये इस्तीफा बैंक की एनुअल जनरल मीटिंग से पहले लिया है जो कि 30 सितंबर को होने वाली थी.
इस्तीफे के पीछे कारण
कल्याणसुंदरम ने अपने त्याग पत्र में बोर्ड में गुटबाजी, अधिकारों के मुद्दे पर अपने मतभेद और अन्य सदस्यों में कथित ‘गहन बैंकिंग ज्ञान की कमी’ जैसे मुद्दे उठाए हैं। पूर्व स्वतंत्र निदेशक ने इस्तीफे के कारण के रूप में विभिन्न व्हिसलब्लोअर मुद्दों पर “ईमानदारी और आम सहमति की कमी” को भी उठाया। उन्होंने कहा कि बोर्ड को कई शिकायतें मिलने के बावजूद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है.
- यह आरपी ग्रुप के प्रमुख रवींद्रन पिल्लई, जिनके पास बैंक में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी (सबसे बड़ा शेयरधारक) है, के कल्याणसुंदरम को हटाने के लिए एक विशेष नोटिस जारी करने के बाद आया है। 30 सितंबर को होने वाली 96वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
- बैंक को पहले भी अन्य ‘व्हिसिल-ब्लोअर्स’ से शिकायतें मिली थीं, लेकिन कल्याणसुंदरम ने कहा कि बैंक ने उन सभी को “समय के साथ इस बैंक की आदत” बताते हुए नजरअंदाज कर दिया था।
- निदेशक ने यह भी आरोप लगाया कि बैंक अपनी गैर-निष्पादित संपत्तियों पर कोई सार्थक प्रभाव डाले बिना भी एकमुश्त निपटान योजना का उपयोग कर रहा है। जून के अंत में एनपीए अनुपात 5.2% था।
- अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आरबीआई बैंक में प्रशासन की कथित कमी को कैसे संबोधित करेगा।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बातें:
- धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड मुख्यालय: त्रिशूर;
- धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड की स्थापना: 14 नवंबर 1927;
- धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड के सीईओ और एमडी: जे. के. शिवन