डेलॉयट इंडिया ने हाल ही में कहा कि मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचे और घरेलू नीति सुधारों में निरंतरता से चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था सात से 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
डेलॉयट के अगस्त माह के भारत आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, केंद्रीय बजट 2024-25 में कृषि उत्पादकता में सुधार, युवाओं के लिए रोजगार सृजन, विनिर्माण तथा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए वित्त तक पहुंच की चुनौती का समाधान करने की दिशा में की गई कई पहलों से आपूर्ति पक्ष की मांग में सुधार, मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
छह महीनों में अनिश्चितता के दौर
डेलॉइट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि वर्ष के पहले छह महीनों में अनिश्चितता के दौर के बाद भारत दूसरी छमाही में मजबूत वृद्धि दर्ज करेगा। आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा गया, मजबूत आर्थिक बुनियाद वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत से 7.2 प्रतिशत के बीच रहेगी।
ग्रामीण उपभोक्ताओं की सामर्थ्य
शहरी-ग्रामीण उपभोक्ता व्यय अंतर, मुद्रास्फीति तथा रोजगार संबंधी चिंताओं से प्रभावी ढंग से निटपने से महत्वाकांक्षी ग्रामीण उपभोक्ताओं की सामर्थ्य में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
आरबीआई के अनुमान
डेलॉइट इंडिया का वृद्धि अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान के बराबर है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। यह वित्त मंत्रालय की आर्थिक समीक्षा में लगाए अनुमान से अधिक है, जिसमें जीडीपी विस्तार का अनुमान 6.5 से सात प्रतिशत के बीच लगाया गया है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।