रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में सियोम पुल का उद्धघाटन किया। साथ ही उन्होंने सीमा सड़क संगठन द्वारा पूरी की गई 27 आधारभूत परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। 724 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इन परियोजनाओं से भारत की सीमा पर और विशेष रूप से लद्दाख से अरुणाचल तक, चीन से लगी सीमा पर मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। अलंग-इकियोंग रोड़ पर बनाए गए सियोम पुल की मदद से सेना वाहनों और हथियारों को वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे ऊपरी सिंयाग जिले, तुतिंग और इन्कियांग क्षेत्र में पहुंचाने में सुविधा होगी। राजनाथ सिंह ने वर्चुअल माध्यम से सियोम पुल से अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम, पंजाब और राजस्थान में 21 अन्य पुलों, तीन सड़कों और तीन आधारभूत परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।
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रक्षा मंत्री द्वारा पुल का उद्घाटन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के दूर-दराज के क्षेत्रों में सैनिकों को तैनात करने में सैन्य लाभ देता है। यह पुल 100 मीटर लंबा है और सयोम नदी पर बनाया गया है। इस पुल से स्थानीय लोगों को भी आवाजाही में मदद मिलेगी।
चीन एलएसी से सटे इलाकों में काफी समय से इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा है। लेकिन अब भारत भी पिछले कुछ सालों से बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ाने में लगा है। इसके तहत कई सड़कें, सुरंग, ब्रिज, सैनिकों के रहने के ठिकाने, स्थायी सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर, हेलिपैड और एयरफील्ड बन रहे हैं। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प के बाद भारत ने बॉर्डर इन्फ्रा की रफ्तार और तेज की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल में सीमा सड़क संगठन( BRO) ने जिस भावना और गति के साथ विकास कार्यों को अंजाम दिया है वह सराहनीय है। अधिक से अधिक सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने की योजना सरकार की प्राथमिकता में है, ताकि वहां रहने वाले लोगों के विकास के साथ-साथ, उनमें व्यवस्था के प्रति विश्वास की भावना विकसित हो सके।
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