रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय के प्रौद्योगिकी विकास कोष (TDF) योजना के तहत MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए वित्तपोषण में वृद्धि को अधिकृत किया। स्वदेशी घटकों, उत्पादों, प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों के विकास को प्रोत्साहित करने वाली इस पहल का अब अधिकतम परियोजना मूल्य 50 करोड़ रुपये होगा, जो पहले 10 करोड़ रुपये था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बढ़ी हुई धनराशि बजट घोषणा के अनुसार है और इससे सरकार को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
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प्रमुख बिंदु:
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25% निजी व्यवसाय, स्टार्टअप और विश्वविद्यालयों को आवंटित किया जाएगा।
- इस पहल का उद्देश्य सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना है, विशेष रूप से एमएसएमई के बीच, एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए जो रक्षा अनुप्रयोगों के लिए तकनीकी क्षमता विकसित करेगा।
- योजना के प्रावधानों के अनुसार, वित्तीय सहायता उद्योग को सहायता अनुदान के रूप में दी जाती है। 50 करोड़ रुपये तक की लागत वाली परियोजनाओं का मूल्यांकन अब वित्त पोषण के लिए किया जाएगा, लेकिन कुल परियोजना लागत का केवल 90% तक ही वित्त पोषित किया जाएगा।
- यह परियोजना उन प्रौद्योगिकियों या उत्पादों के प्रोटोटाइप के निर्माण तक भी सीमित है जिनका उपयोग सेना द्वारा रणनीति के अनुसार दो साल की विशिष्ट विकास अवधि के साथ किया जा सकता है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- रक्षा मंत्री: श्री राजनाथ सिंह
- वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण
- DRDO अध्यक्ष: डॉ जी सतीश रेड्डी
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