नाविक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

हर वर्ष 25 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय नाविक दिवस’ (Day of the Seafarer) मनाया जाता है, जो वैश्विक व्यापार, अर्थव्यवस्था और समाज में नाविकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने का दिन है। इस वर्ष का उत्सव एक सशक्त संदेश और अभियान के साथ आया है—‘My Harassment-Free Ship’—जिसका उद्देश्य समुद्र में कार्यस्थलों पर उत्पीड़न और भेदभाव को पूरी तरह समाप्त करना है।

अभियान का उद्देश्य

एक सशक्त आह्वान
यह सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि एक आंदोलन है। दुनिया भर के नाविकों को ऐसे कार्यस्थलों की कल्पना करने, माँग करने और बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है जो उत्पीड़न, भेदभाव और डर से मुक्त हों।
इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि जहाज पर हर व्यक्ति—चाहे उसका लिंग, पद या पृष्ठभूमि कुछ भी हो—खुद को सुरक्षित, सम्मानित और मूल्यवान महसूस करे।

वास्तविकता: नाविकों के सामने चुनौतियाँ

समुद्र में व्याप्त उत्पीड़न
विभिन्न रिपोर्टों और अध्ययनों से यह उजागर हुआ है कि:

  • 50% से अधिक महिला नाविकों ने उत्पीड़न का अनुभव किया है।

  • पुरुष नाविकों को भी अक्सर डराने-धमकाने और भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

  • कई घटनाएँ रिपोर्ट ही नहीं होतीं, क्योंकि पीड़ितों को जवाबी कार्रवाई का डर रहता है या रिपोर्टिंग सिस्टम पर विश्वास नहीं होता।

इस तरह की घटनाओं से भावनात्मक आघात, करियर में रुकावट और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है।

मुख्य संदेश: वैश्विक नेताओं की आवाज़

आईएमओ महासचिव अर्सेनियो डोमिंगुएज़
अपने संदेश में उन्होंने समुद्री क्षेत्र से आग्रह किया कि वे शून्य सहनशीलता (zero-tolerance) की नीति अपनाएँ और जहाजों की संस्कृति को बदलेँ। उन्होंने नेतृत्व प्रशिक्षण, सहायता प्रणालियों और प्रभावी रिपोर्टिंग की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

अभियान के प्रमुख प्रयास

  1. नाविकों द्वारा अनुभव साझा करना
    नाविकों को सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि चुप्पी टूटे और दूसरों को साहस मिले।

  2. सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की भागीदारी
    विश्वभर के समुद्री क्षेत्र से जुड़े ब्लॉगर्स और व्लॉगर्स इस वर्ष अभियान को सोशल मीडिया पर सक्रिय रूप से बढ़ावा देंगे।

  3. डिजिटल मीडिया के माध्यम से वैश्विक जागरूकता
    IMO ने लोगो, पोस्टर और डिजिटल बिलबोर्ड जैसी प्रचार सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराई है। अभियान ट्विटर (अब X), फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन पर सक्रिय है।

सभी हितधारकों से आह्वान: इस आंदोलन से जुड़ें

  • नाविक – साहसी बनें। आवाज़ उठाएँ। अपने अनुभव साझा करें और समुद्र में एक नई संस्कृति का निर्माण करें।
  • शिपिंग कंपनियाँ – कड़े एंटी-हरासमेंट नियम लागू करें, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दें, और विश्वासनीय रिपोर्टिंग चैनल विकसित करें।
  • समुद्री संगठन – अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करें, और नाविकों के अधिकारों की वकालत करें।

यह समय है समुद्री दुनिया को एक सम्मानजनक, सुरक्षित और समान कार्यस्थल बनाने का।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

भारत ने रचा इतिहास, पहली बार जीता स्क्वॉश का विश्व कप

भारत ने खेल जगत में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए WSF स्क्वैश वर्ल्ड कप 2025…

3 hours ago

वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व MP में चीतों का नया ठिकाना बनेगा

वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण पहल के तहत मध्य प्रदेश सरकार ने…

3 hours ago

AIIMS में ब्रेन स्टेंट के जरिये होगा स्ट्रोक का इलाज

भारत ने चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एम्स (AIIMS) दिल्ली में…

4 hours ago

UNEA ने वैश्विक वन्य अग्नि प्रबंधन पर भारत के प्रस्ताव को अपनाया

एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक और पर्यावरणीय जीत के रूप में, “वनाग्नि (Wildfires) के वैश्विक प्रबंधन को…

4 hours ago

2025 में दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट घोषित: जानिए भारत की स्थिति

वैश्विक पासपोर्ट रैंकिंग 2025 के लिए जारी कर दी गई है, जो यह दर्शाती है…

4 hours ago

यूनेस्को ने लुप्तप्राय पारंपरिक कलाओं और शिल्पों को तत्काल सुरक्षा सूची में शामिल किया

यूनेस्को ने वैश्विक सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए…

5 hours ago