केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने वैक्सीन कोल्ड चेन प्रबंधन, संचार योजना के डिजिटलीकरण और क्षमता निर्माण पर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) भारत के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते पर पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय और भारत में यूएनडीपी की रेजिडेंट प्रतिनिधि कैटलिन विसेन ने नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन का महत्व
142.86 करोड़ लोगों, 53.57 करोड़ खेतीहर पशुओं और 85.18 करोड़ कुक्कुट आबादी के साथ भारत बड़ी जनसंख्या और पशुओं की संख्या वाला देश है। इन पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए सरकार ने टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है। इसके अलावा, जो मनुष्य संक्रमित जानवरों के निकट संपर्क में रहते हैं , वे विभिन्न ज़ूनोटिक बीमारियों, जैसे बर्ड फ्लू और कोरोनावायरस से संक्रमित हो सकते हैं। ज़ूनोटिक रोग मनुष्यों में वायरस, बैक्टीरिया आदि के कारण होने वाली बीमारियों को संदर्भित करते हैं, जो संक्रमित जानवर से ऐसे इंसान में फैलते हैं जो संक्रमित जानवर के निकट संपर्क में रहते है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने एकमुश्त स्वास्थ्य दृष्टिकोण (वन हेल्थ अप्रोच) अपनाया है।
एकमुश्त स्वास्थ्य दृष्टिकोण के अनुसार मानव स्वास्थ्य का जानवरों के स्वास्थ्य से गहरा संबंध है और वे एक ही पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा हैं। यदि जानवर स्वस्थ हैं, तो मनुष्यों के जूनोटिक रोगों से संक्रमित होने की संभावना भी बहुत कम हो जाएगी । पशुओं में संक्रमण रोकने का एक तरीका उन्हें टीका(वैक्सीन) लगाना है। हालाँकि चुनौती एक कोल्ड चेन के निर्माण में है जो टीके को इष्टतम तापमान पर संग्रहीत कर सकती है और टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी तंत्र की आवश्यकता है।
कैसे मदद करेगी यूएनडीपी?
यूएनडीपी समुदायों और जानवरों की सुरक्षा और ज़ूनोटिक रोगों के प्रसार को रोकने के लिए भारत की पहली पशु वैक्सीन आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली का समर्थन और मजबूत करेगा। यह समझौता ज्ञापन यूएनडीपी इंडिया द्वारा कोल्ड चेन के डिजिटलीकरण और दूरस्थ तापमान निगरानी के माध्यम से डिजिटल भविष्य बनाने में मदद करेगा। टीकी की प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए, टीकों को 2-8 डिग्री सेल्सियस की निर्धारित तापमान सीमा के भीतर संग्रहीत किया जाएगा।
साझेदारी पशुपालन क्षेत्र और विस्तार सेवाओं में हितधारकों की तकनीकी जानकारी और क्षमताओं में सुधार के लिए कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। डीएएचडी और यूएनडीपी दोनों का लक्ष्य मिलकर देश में पशु स्वास्थ्य और कल्याण प्रबंधन के लिये एक मजबूत, सक्षम और समावेशी ढांचा तैयार करना है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के बारे में
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की स्थापना संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1965 में संयुक्त राष्ट्र विस्तारित तकनीकी सहायता कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र विशेष कोष के साथ विलय करके की गई थी। यूएनडीपी संयुक्त राष्ट्र का वैश्विक विकास नेटवर्क है, जो सदस्य देशों को उनकी विकास चुनौतियों का समाधान खोजने में मदद करता है।