राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (Commonwealth Games Federation – CGF) ने एक महत्वपूर्ण ब्रांडिंग परिवर्तन के तहत अपना नया सार्वजनिक नाम ‘कॉमनवेल्थ स्पोर्ट’ घोषित किया है। यह घोषणा 10 मार्च 2025 को कॉमनवेल्थ डे के अवसर पर की गई। इस बदलाव का उद्देश्य संगठन की पहचान को केवल खेल आयोजनों से आगे बढ़ाकर एक वैश्विक खेल आंदोलन के रूप में स्थापित करना है, जो एकता, विकास और समावेशिता को बढ़ावा देता है।
नाम परिवर्तन का कारण
कॉमनवेल्थ गेम्स और कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स के संचालन निकाय ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि यह बदलाव संगठन की व्यापक दृष्टि के अनुरूप है। यह केवल खेल प्रतियोगिताओं के संचालन तक सीमित न रहकर, खेल को सामाजिक परिवर्तन और विकास के माध्यम के रूप में उपयोग करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
किंग चार्ल्स की भूमिका
इस बदलाव की ऐतिहासिक घोषणा के साथ कॉमनवेल्थ स्पोर्ट किंग्स बैटन रिले की शुरुआत भी की गई, जो ग्लासगो 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए पहली बार आयोजित किया गया। इस रिले को किंग चार्ल्स III ने आधिकारिक रूप से बकिंघम पैलेस से लॉन्च किया।
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट किंग्स बैटन रिले
- शुरुआत: किंग चार्ल्स ने बैटन में एक व्यक्तिगत संदेश रखकर इस वैश्विक रिले की शुरुआत की।
- पहले बैटनबियर: प्रसिद्ध ब्रिटिश साइकिल चालक सर क्रिस होय ने इसे प्राप्त किया।
- अवधि: यह रिले 500 दिनों तक चलेगा और 74 राष्ट्रों और क्षेत्रों में यात्रा करेगा।
- इतिहास में सबसे लंबी रिले: प्रत्येक देश में छह दिनों तक कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जाएंगे।
- प्रमुख उद्देश्य:
- वैश्विक एकता – विभिन्न संस्कृतियों और समुदायों को खेल के माध्यम से जोड़ना।
- खिलाड़ियों का उत्सव – राष्ट्रमंडल देशों के खिलाड़ियों की प्रतिभा को पहचान दिलाना।
- कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के विजन को बढ़ावा देना – खेल को सामाजिक बदलाव का माध्यम बनाना।
नाम परिवर्तन के प्रभाव और भविष्य की दृष्टि
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ब्रांड को मजबूत करना
- खेल को शिक्षा और सामाजिक प्रभाव का साधन बनाना।
- युवा खिलाड़ियों और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।
- छोटे देशों के खिलाड़ियों के लिए अधिक अवसर सृजित करना।
भविष्य के राष्ट्रमंडल खेलों पर प्रभाव
- ग्लासगो 2026 के लिए वैश्विक जुड़ाव को बढ़ाना।
- अधिक निवेश और प्रायोजकों को आकर्षित करना।
- राष्ट्रमंडल खेलों को ओलंपिक्स के समकक्ष प्रतिष्ठा और भागीदारी वाला इवेंट बनाना।
इस नाम परिवर्तन के साथ, राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) अब केवल एक खेल आयोजन निकाय नहीं रहेगा, बल्कि कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के रूप में एक वैश्विक खेल आंदोलन का नेतृत्व करेगा।
पहलू | विवरण |
क्यों चर्चा में? | कॉमनवेल्थ गेम्स महासंघ (CGF) का नया नाम कॉमनवेल्थ स्पोर्ट घोषित किया गया, जिसकी आधिकारिक घोषणा 10 मार्च 2025 (कॉमनवेल्थ डे) को की गई। |
नाम परिवर्तन का कारण | यह बदलाव संगठन को केवल एक खेल महासंघ से वैश्विक खेल आंदोलन के रूप में बदलने के उद्देश्य से किया गया, जो एकता, विकास और समावेशन पर केंद्रित है। |
कानूनी नाम | संगठन का आधिकारिक कानूनी नाम कॉमनवेल्थ गेम्स महासंघ (CGF) ही रहेगा, लेकिन सार्वजनिक पहचान कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के रूप में होगी। |
किंग चार्ल्स III की भूमिका | कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के संरक्षक के रूप में किंग चार्ल्स III ने ग्लासगो 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए पहला कॉमनवेल्थ स्पोर्ट किंग्स बैटन रिले लॉन्च किया। |
किंग्स बैटन रिले | यह रिले कॉमनवेल्थ डे 2025 को शुरू हुई, जिसमें पहले बैटनबियर सर क्रिस होय थे। यह रिले ग्लासगो 2026 उद्घाटन समारोह से 500 दिन पहले शुरू हुई। |
सबसे लंबी बैटन रिले | बैटन 74 राष्ट्रों और क्षेत्रों में यात्रा करेगा, प्रत्येक देश में छह दिनों तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। |
रिले का महत्व | – वैश्विक एकता: राष्ट्रों को खेल के माध्यम से जोड़ना। – खिलाड़ियों का उत्सव: दुनियाभर की प्रतिभाओं को पहचान देना। – कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के विजन को बढ़ावा देना: खेल को सामाजिक परिवर्तन और विकास का माध्यम बनाना। |
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की भविष्य की दृष्टि | – खेल को शिक्षा और सामाजिक प्रभाव से जोड़ना। – युवा भागीदारी और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना। – छोटे राष्ट्रों के खिलाड़ियों के लिए अधिक अवसर सृजित करना। |
कॉमनवेल्थ गेम्स पर प्रभाव | – वैश्विक जुड़ाव और भागीदारी में वृद्धि। – नए निवेश और प्रायोजकों को आकर्षित करना। – कॉमनवेल्थ गेम्स की प्रतिष्ठा को बढ़ाकर इसे ओलंपिक्स के समकक्ष ले जाना। |