मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना ‘मु़ख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (माययुवा)’ प्रदेश में जल्द शुरू होने जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अधिकारियों को जल्द पूरी कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के जरिये प्रतिवर्ष एक लाख युवा उद्यमियों को तैयार किया जाएगा।
सरकार की ओर से पांच लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। योगी सरकार ने 2024-25 के बजट में इस योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।
रोजगार सृजन के उद्देश्य
प्रदेश के शिक्षित व प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और नए एमएसएमई की स्थापना के साथ ही ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन के उद्देश्य से यह एक नई पहल की गई। इस योजना के अंतर्गत उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम 5 लाख रुपये तक की परियोजना को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। इस स्वरोजगार मिशन के अंतर्गत प्रतिवर्ष एक लाख इकाइयों को वित्त पोषित कर आगामी 10 वर्षों में 10 लाख इकाइयों को सीधे लाभान्वित करने का लक्ष्य है।
प्रशिक्षित लाभार्थियों को लाभ
सरकार की ओर से संचालित विभिन्न प्रशिक्षण योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जिला-एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना, अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रशिक्षण योजना, कौशल उन्नयन आदि में प्रशिक्षित लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सकेगा।
इसके अलावा किसी विद्यालय, शैक्षणिक संस्थान से सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा व डिग्रीधारी युवाओं को भी इस योजना के अंतर्गत लाभ प्रदान किया जाएगा। योजना के अंतर्गत कोई यूनिट प्रथम लोन का सफल भुगतान कर देती है, तो उसके बाद वो दूसरे चरण में अधिकतम 7.5 लाख रुपये तक का लोन पा सकेगी।