मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 6 अक्टूबर 2025 को बिहार की बहुप्रतीक्षित पटना मेट्रो रेल सेवा के पहले चरण का शुभारंभ किया। यह ऐतिहासिक अवसर राज्य की शहरी परिवहन प्रणाली में एक नया अध्याय जोड़ता है। मुख्यमंत्री ने न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल (ISBT) से भूतनाथ स्टेशन तक यात्रा कर इस सेवा का उद्घाटन किया।
पहले चरण को “प्राथमिकता गलियारा” (Priority Corridor) नाम दिया गया है।
यह लगभग 3.6 किलोमीटर लंबा ऊँचा ट्रैक (Elevated Track) है।
यह तीन प्रमुख स्टेशनों को जोड़ता है —
ISBT – ज़ीरो माइल – भूतनाथ स्टेशन।
आम जनता के लिए मेट्रो सेवाएँ 7 अक्टूबर 2025 से शुरू होंगी।
यह गलियारा शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में यातायात दबाव कम करने और तेज़, भरोसेमंद यात्रा सुविधा देने के लिए बनाया गया है।
प्रत्येक मेट्रो ट्रेन में 3 कोच होंगे, जिनमें लगभग 900 यात्रियों की क्षमता होगी।
संचालन समय: प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक।
ट्रेन आवृत्ति: हर 20 मिनट में एक ट्रेन।
प्रतिदिन लगभग 40–42 फेरे चलाए जाएँगे।
न्यूनतम किराया: ₹15
अधिकतम किराया: ₹30
यात्रियों की सुरक्षा और अनुशासन के लिए बिहार राज्य सहायक पुलिस (B-SAP) को तैनात किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में पटना मेट्रो परियोजना की शिलान्यास किया था।
पिछले छह वर्षों में योजनाबद्ध निर्माण और परीक्षण के बाद अब इसका पहला चरण शुरू हुआ है।
यह पटना मेट्रो नेटवर्क का शुरुआती हिस्सा है, जो आने वाले वर्षों में शहर के अन्य भागों से भी जुड़ जाएगा।
पटना मेट्रो का शुभारंभ—
शहर के यातायात जाम को कम करेगा,
सार्वजनिक परिवहन को निजी वाहनों पर प्राथमिकता देगा,
दैनिक यात्रियों की कनेक्टिविटी बढ़ाएगा,
सतत शहरी विकास (Sustainable Urban Development) को प्रोत्साहित करेगा,
और आधुनिक मेट्रो अनुभव प्रदान करेगा।
यह परियोजना बिहार की स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में एक बड़ा कदम है और पटना को भारत के शहरी परिवहन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान देती है।
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