भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 7% की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो निजी निवेश और रोजगार सृजन में वृद्धि से प्रेरित होगी।
निजी निवेश में वृद्धि
CII के एक अखिल भारतीय सर्वेक्षण के अनुसार, 75% उत्तरदाताओं ने वर्तमान आर्थिक वातावरण को निजी निवेश के लिए अनुकूल माना है। खासतौर पर, 70% कंपनियों ने FY’26 में निवेश की योजना बनाई है, जो आगामी तिमाहियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी में वृद्धि का संकेत देती है।
रोजगार सृजन की प्रवृत्तियाँ
सर्वेक्षण ने रोजगार में सकारात्मक प्रवृत्तियों को भी उजागर किया है। लगभग 97% कंपनियां 2024-25 और 2025-26 में अपनी कार्यबल को बढ़ाने की उम्मीद कर रही हैं। विशेष रूप से, 42% से 46% कंपनियां रोजगार में 10% से 20% की वृद्धि की संभावना जताती हैं, जबकि 31% से 36% कंपनियां 10% तक की वृद्धि का अनुमान लगाती हैं। इसके अतिरिक्त, 79% उत्तरदाताओं ने पिछले तीन वर्षों में अधिक कर्मचारियों को जोड़ा है।
तुलनात्मक वृद्धि अनुमान
यह अनुमान भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 2025-26 में 7% GDP वृद्धि के अनुमान के अनुरूप है, जिसे RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने बताया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत की वृद्धि बाद में 8% के रुझान पर वापस आ सकती है।
सरकार के वृद्धि अनुमान
इसके विपरीत, सरकार के पहले अग्रिम अनुमान 2024-25 के लिए भारत की GDP वृद्धि को 6.4% पर आंके गए हैं, जो 2023-24 में 8.2% थी। यह अनुमान कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में पुनरुद्धार को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है, जिसके 2024-25 में 3.8% की वृद्धि करने की संभावना है, जो पिछले वर्ष में 1.4% थी।