छत्तीसगढ की राजनांदगांव पुलिस के नशा-विरोधी, निजात अभियान को संस्थागत श्रेणी के ‘लीडरशिप इन क्राइम प्रिवेंशन’ कैटेगरी में अमेरिका के प्रतिष्ठित आईएसीपी 2022 अवार्ड के लिए चयन हुआ है। यह अभियान तत्कालीन पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के कार्यकाल में शुरू किया गया था। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस (आईएसीपी) द्वारा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव संतोष सिंह के कार्यकाल के दौरान राजनांदगांव पुलिस द्वारा चलाए गए नशा-विरोधी, निजात अभियान को संस्थागत श्रेणी के ‘लीडरशिप इन क्राइम प्रिवेंशन’ कैटेगरी में अमेरिका के प्रतिष्ठित आईएसीपी अवार्ड हेतु चुना गया है।
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दरअसल, राज्य में पुलिस द्वारा मादक पदार्थों के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। निजात अभियान एक कार्रवाई व जागरुकता अभियान है, जिसमें अवैध नशे के सौदागरों पर सख्त कार्रवाई के साथ ही नशे के विरुद्ध जनजागरुकता और नशे के आदी लोगों का पुनर्वास शामिल है। बताया गया है कि इस चर्चित अभियान की शुरूआत पिछले वर्ष तत्कालीन एसपी कोरिया संतोष सिंह द्वारा की गई थी। इसके बाद राजनांदगांव और वर्तमान में कोरबा पुलिस सहित कई जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। इसी वर्ष गृह मंत्रालय, भारत सरकार की संस्था पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) ने कोरिया पुलिस द्वारा शुरू किए गए निजात अभियान को देश के तीस सर्वोत्तम स्मार्ट-पुलिसिंग अभियानों में शामिल किया था।
राजनांदगांव पुलिस के साथ ही गढ़चिरोली पुलिस के तत्कालीन एसपी अंकित गोयल के माओवाद विरोधी कार्यक्रम ‘दादालोरा खिड़की’ को संस्थागत श्रेणी के सामुदायिक पुलिसिंग कैटेगरी में आईएसीपी अवार्ड हेतु चुना गया है। संस्था द्वारा पुलिसिंग में किए गए बेहतर कार्यों के आंकलन के आधार पर इस अवार्ड के लिए चयन किया गया है। वर्तमान में कोरबा जिले में निजात अभियान के तहत पुलिस नशीले पदार्थों और अवैध शराब की तस्करी को प्रभावी ढंग से रोकने में सफल रही है। जिले के थानों में नशे के आदी लोगों की काउंसलिंग के साथ ही नशा-मुक्ति कक्ष भी निमार्णाधीन है। वहीं जन जागरूकता कार्यक्रम से लोग नशे की लत छोड़कर सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
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