भारतीय ग्रैंडमास्टर अरविंद चिथंबरम ने 6वां स्टेपान अवग्यान मेमोरियल शतरंज टूर्नामेंट जीत लिया है, जो जर्मुक, आर्मेनिया में आयोजित हुआ। अरविंद ने 9 राउंड में 6.5 अंक हासिल किए। हालांकि उन्होंने fellow भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानानंद के साथ अंक बराबर किए, लेकिन टाईब्रेक सिस्टम के आधार पर अरविंद को विजेता घोषित किया गया।
टाईब्रेक सिस्टम क्या है?
इस टूर्नामेंट में विजेता का निर्णय सोनबोर्न-बर्जर (Sonneborn–Berger) प्रणाली से किया गया।
इस प्रणाली में यह देखा जाता है कि खिलाड़ी ने किन-किन प्रतिद्वंद्वियों को हराया और उन प्रतिद्वंद्वियों का प्रदर्शन कितना मजबूत रहा।
चूंकि अरविंद के खिलाफ खेलने वाले खिलाड़ियों का प्रदर्शन प्रज्ञानानंद के विरोधियों से बेहतर था, इसलिए उन्हें बढ़त मिली।
अरविंद चिथंबरम का प्रदर्शन
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यह टूर्नामेंट 10 खिलाड़ियों के राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया।
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अरविंद पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहे –
4 मैचों में जीत
5 ड्रॉ -
अंतिम राउंड में उन्होंने काले मोहरों से खेलते हुए आर्मेनिया के अराम हकोब्यान को हराया।
आर. प्रज्ञानानंद का शानदार खेल
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प्रज्ञानानंद ने भी बेहतरीन खेल दिखाया और 6.5 अंक प्राप्त किए।
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अंतिम राउंड में उन्होंने आर्मेनिया के रॉबर्ट होवहाननिस्यान को हराया।
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हालांकि, टाईब्रेक में थोड़ी कमी रह गई और विजेता अरविंद बने।
2025 – अरविंद के लिए सुनहरा साल
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इस जीत के साथ, 2025 में अरविंद की दूसरी बड़ी अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि है।
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इससे पहले उन्होंने प्राग चेस फेस्टिवल मास्टर्स भी जीता था।
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मात्र 25 वर्ष की उम्र में चेन्नई के इस ग्रैंडमास्टर ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर शानदार फॉर्म दिखाया है।
स्टेपान अवग्यान मेमोरियल टूर्नामेंट के बारे में
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यह टूर्नामेंट हर साल आयोजित होता है और अब एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय शतरंज स्पर्धा बन चुका है।
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इसमें दुनिया भर के शीर्ष खिलाड़ी भाग लेते हैं।
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2025 संस्करण में भी कड़ी प्रतिस्पर्धा और रोमांचक मुकाबले देखने को मिले।
निष्कर्ष
अरविंद चिथंबरम की यह जीत न केवल उनकी प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि यह दिखाती है कि भारत के युवा ग्रैंडमास्टर्स अब विश्व शतरंज में दबदबा बना रहे हैं।
उनका संयमित और रणनीतिक खेल आने वाले वर्षों में भारत को और भी गौरव दिला सकता है।