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Namibia से कूनो नेशनल पार्क लाई गई मादा चीता साशा की मौत, जानें वजह

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मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) (Kuno National Park) में छह महीने पहले नामीबिया से लाये गए आठ चीतों में से एक मादा चीता ‘साशा’ की गुर्दे की बीमारी के कारण मौत हो गयी। साढ़े चार साल से अधिक उम्र की मादा चीता की मौत को ‘प्रोजेक्ट चीता’ के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत देश में विलुप्त होने के सात दशक बाद चीतों को फिर से बसाने की योजना है। पिछले साल सितंबर में नामीबिया से आठ चीतों को लाकर उन्हें श्योपुर (Sheopur) जिले के केएनपी में रखा गया है।

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चीता को 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाया गया था। पहल 2018 में शुरू की गई थी, और सरकार ने अगले कुछ वर्षों में 50 चीतों को जंगल में छोड़ने की योजना बनाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपने बर्थडे पर इन्हें कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप कूनो लाई गई थी।

1947 में हुई थी अंतिम चीते की मौत

पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका से केएनपी लाए गए 12 अन्य चीतों को फिलहाल पृथकवास बाड़े में रखा गया है और वे स्वस्थ और सक्रिय हैं। नामीबिया से लाए गऐ आठ चीतों-पांच मादा और तीन नर को 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में केएनपी में उनके बाड़े में छोड़ा गया था। भारत में अंतिम चीते की मृत्यु वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी और भूमि पर सबसे तेज दौड़ने वाले जानवर को 1952 में देश में विलुप्त घोषित किया गया था।

 

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FAQs

मध्य प्रदेश की भाषा कौन सी है?

राज्य की आधिकारिक भाषा हिंदी और सिंधी है।

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