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शिक्षा में समानता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किया एक्सपर्ट पैनल का गठन

संघीय शिक्षा मंत्रालय ने 2 अगस्त को उच्च शैक्षिक संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग और अन्य अल्पसंख्यक जनजातियों के संबंध में विरोध-भेदभाव दिशा-निर्देशों को संशोधित करने के लिए एक एक्सपर्ट पैनल का गठन किया।

एक्सपर्ट पैनल का प्राथमिक उद्देश्य परिसरों में मौजूदा भेदभाव-विरोधी नीतियों और प्रथाओं की व्यापक समीक्षा करना, अंतराल और कमियों की पहचान करना और सुधार का प्रस्ताव देना है।

एक्सपर्ट पैनल का कार्य

संघीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित एक्सपर्ट पैनल निम्नलिखित कार्य करेगा:

  • पैनल उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य सम्प्रदायों के संबंध में मौजूदा भेदभावना नीतियों की कुशलता का मूल्यांकन करेगा और उनके प्रचार-प्रसार की जाँच करेगा।
  • अध्ययन के आधार पर, पैनल मौजूदा दिशानिर्देशों को आवश्यक संशोधन और अपडेट की प्रस्तावना करेगा।
  • पैनल विविधता को गले लगाने और व्यक्तिगत मतभेदों का सम्मान करने वाली समावेशिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देगा।
  • पैनल भेदभाव की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए व्यक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए काम करेगा।

आवश्यकता :

कई संस्थानों में भेदभाव, उत्पीड़न और पक्षपात की घटनाएं देखी गई हैं। ये कार्य न केवल शिक्षण अनुभव को कमजोर करते हैं, बल्कि इन घटनाओं का प्रभाव मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा और दीर्घकारी भी होता है।

भेदभाव विरोधी दिशानिर्देशों को संशोधित करके सरकार इन चुनौतियों का सामना करने और सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि कॉलेज और विश्वविद्यालय न्याय, सम्मान और समझदारी के सिद्धांतों का पालन करें।

महत्त्व :

एक विशेषज्ञ पैनल बनाने का सरकार का निर्णय शिक्षा में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रगतिशील और प्रतिबद्ध दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण रूप से दर्शाता है। इससे शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा।

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shweta

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