केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं को आयकर रिपोर्टिंग में स्वैच्छिक अनुपालन (voluntary compliance) के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘NUDGE’ नामक नया जन-जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसका पूरा नाम है Non-intrusive Usage of Data to Guide and Enable, जिसका उद्देश्य बिना हस्तक्षेप किए उपलब्ध डेटा का उपयोग करके करदाताओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देना है। यह अभियान विशेष रूप से करदाताओं से अपने आयकर रिटर्न (ITR) की दोबारा समीक्षा और आवश्यकता पड़ने पर संशोधन करने का आग्रह करता है, खासकर Schedule FA (Foreign Assets) और Foreign Source Income (FSI) के प्रकटीकरण से संबंधित विवरणों पर। यह कदम वैश्विक स्तर पर सीमा-पार लेनदेन और विदेशी संपत्ति रिपोर्टिंग पर बढ़ती निगरानी के बीच उठाया गया है, ताकि भारत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय पारदर्शिता मानकों के अनुरूप आगे बढ़ सके।
NUDGE अभियान, जो तुरंत प्रभाव से शुरू किया गया है, एक डेटा-आधारित, गैर-हस्तक्षेपकारी (non-intrusive) अनुपालन पहल है। इसके तहत आयकर विभाग पहले से उपलब्ध और चिन्हित जानकारी का उपयोग करके करदाताओं को उनके दाखिल किए गए रिटर्न में संभावित गलतियों या छूटे हुए विवरणों की याद दिलाएगा। कल से CBDT करदाताओं को SMS और ईमेल अलर्ट भेजना शुरू करेगा, जिनमें उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वे स्वेच्छा से अपने रिटर्न की सत्यापन, संशोधन या सुधार करें—और यह प्रक्रिया अगले महीने के अंत तक पूरी कर लें।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है: किसी भी कानूनी या दंडात्मक कार्रवाई से पहले करदाताओं को स्वयं-सुधार का अवसर देना।
NUDGE अभियान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है ITR में Schedule FA और FSI से संबंधित जानकारी की सटीकता बढ़ाना। इसमें शामिल हैं:
विदेशी बैंक खाते
विदेश में संपत्ति (property ownership)
विदेशी प्रतिभूतियाँ (securities), ट्रस्ट आदि
विदेशी स्रोतों से आय — जैसे निवेश, नौकरी या अन्य कमाई
यदि इन विवरणों में कोई गलती या कमी रहती है, तो करदाता पर Black Money (Undisclosed Foreign Income and Assets) Act, 2015 के तहत भारी दंड लग सकता है। इसलिए यह अभियान करदाताओं के लिए पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने विदेशी आय और विदेशों में छिपाई गई संपत्तियों पर कर नियमों को काफी सख्त किया है।
CRS (Common Reporting Standard) जैसी वैश्विक सूचना-साझा व्यवस्था के तहत भारत को अब अन्य देशों से विस्तृत वित्तीय जानकारी स्वतः मिलती है।
NUDGE अभियान CBDT की टेक्नोलॉजी-आधारित, डेटा-ड्रिवन रणनीति का हिस्सा है, जहाँ फोकस तत्काल दंड की बजाय सहज और स्वैच्छिक अनुपालन पर है।
यह सरकार की उस नीति के अनुरूप है जिसमें अनुपालन को सरल, पारदर्शी और दबाव-रहित बनाया जा रहा है, ताकि राजस्व जवाबदेही बढ़े और प्रवर्तन बोझ कम हो।
CBDT ने विशेष रूप से उन करदाताओं को सलाह दी है जिनके पास विदेशी संपत्तियाँ या विदेशी आय है कि वे—
अपनी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर चेक करें
आयकर पोर्टल में लॉग इन करके अपने ITR की सभी जानकारी की दोबारा जाँच करें
यदि कोई गलती या अनुपालन कमी है, तो तुरंत ITR संशोधित (revised) करें
यह प्रक्रिया अगले महीने के अंत तक पूरी कर लें, ताकि किसी दंड या कानूनी कार्रवाई से बच सकें
ध्यान देने योग्य बात:
करदाता धारा 139(5) के तहत अपना रिटर्न संशोधित कर सकते हैं, बशर्ते यह समयसीमा के भीतर किया जाए और किसी जांच (scrutiny) की कार्यवाही शुरू न हुई हो।
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