केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) से सीमा पार लेनदेन के लिए समय और लागत में कमी आएगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने यह बात कही। सीबीडीसी को इस साल पेश किया जाना है। केंद्रीय बैंक ने सीबीडीसी को इस साल पायलट आधार पर पेश करने का प्रस्ताव दिया है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने 2022-23 के आम बजट में कहा था कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष में रुपये के समान एक डिजिटल लाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में एक उत्कृष्ट, सस्ती और तेज घरेलू भुगतान प्रणाली है, लेकिन इसके बावजूद सीमापार भुगतान की लागत अब भी अधिक है।
यह सीमापार लेनदेन में निपटान जोखिम को बड़े पैमाने पर दूर करता है। इससे समय कम लगेगा और लागत भी कम होगी। इसलिए, सीबीडीसी का अंतरराष्ट्रीयकरण भविष्य में होने की उम्मीद है। डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने धोखाधड़ी प्रबंधन के बारे कहा कि प्रणाली की अखंडता को बनाए रखते हुए डिजिटल भुगतान को बढ़ाने की जरूरत है।
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