कैबिनेट ने बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम के तीसरे चरण को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 अक्टूबर 2025 को बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम (BRCP) के फेज़ III को मंजूरी दी। यह तीसरा चरण पहले लागू किए गए चरणों का विस्तार है, जो Department of Biotechnology (DBT) और Wellcome Trust (WT), UK के माध्यम से India Alliance द्वारा संचालित किए गए थे। यह कार्यक्रम भारत की बायोमेडिकल रिसर्च क्षमता को बढ़ावा देने, अनुवादात्मक नवाचार (translational innovation) को प्रोत्साहित करने और वैज्ञानिक अवसंरचना में क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने के उद्देश्य से बनाया गया है।

फेज़ III अवधि: 2025‑26 से 2030‑31 तक, और अनुमोदित फैलोशिप और अनुदान 2037‑38 तक जारी रहेंगे।
कुल बजट: ₹1,500 करोड़ (DBT: ₹1,000 करोड़, WT: ₹500 करोड़)

उद्देश्य और दृष्टिकोण

BRCP फेज़ III का मुख्य उद्देश्य है:

  • बेसिक, क्लिनिकल और पब्लिक हेल्थ क्षेत्रों में प्रारंभिक और मध्यवर्ती रिसर्च फैलोशिप का समर्थन।

  • सहयोगात्मक ग्रांट्स जैसे Career Development Grants और Catalytic Collaborative Grants (2–3 शोधकर्ताओं वाली टीमों के लिए) को वित्तीय सहायता।

  • मजबूत Research Management Programme स्थापित करना ताकि संस्थागत प्रणालियों, मेंटरिंग, नेटवर्किंग, सार्वजनिक सहभागिता और साझेदारियों को सशक्त बनाया जा सके।

  • Tier‑2 और Tier‑3 क्षेत्रों में क्षमता निर्माण और भौगोलिक असमानताओं को कम करना।

  • लिंग समानता को बढ़ावा देना, महिलाओं के शोधकर्ताओं के लिए 10–15% समर्थन वृद्धि का लक्ष्य।

  • 25–30% सहयोगात्मक कार्यक्रमों को TRL‑4 और उससे ऊपर तक पहुँचाना।

  • 2,000+ छात्रों और पोस्टडॉक्टोरल फैलो को प्रशिक्षित करना, उच्च प्रभाव वाली प्रकाशितियाँ और पेटेंट योग्य खोजों का समर्थन।

इन प्रयासों से भारत की वैश्विक बायोमेडिकल विज्ञान में स्थिति मजबूत होगी और स्वास्थ्य नवाचार, रोग निदान और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का समर्थन सुनिश्चित होगा।

महत्व और रणनीतिक प्रभाव

  • अवसंरचना और उत्कृष्टता: फेज़ I और II ने भारत को उभरते बायोमेडिकल रिसर्च हब के रूप में स्थापित किया। फेज़ III इसका स्तर अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्टता तक ले जाने का प्रयास है।

  • अनुवादात्मक जोर: शोध को केवल थ्योरी तक सीमित न रखते हुए, इसे वास्तविक तकनीक और स्वास्थ्य समाधान में बदलना।

  • संस्थागत सुदृढ़ीकरण: रिसर्च मैनेजमेंट, नेटवर्किंग और मेंटरशिप को बढ़ावा देकर स्थायी प्रणाली बनाना।

  • समानता और समावेशन: पिछड़े क्षेत्रों और महिला वैज्ञानिकों पर विशेष ध्यान, ताकि शोध क्षमता का समान विकास हो।

  • वैश्विक सहयोग: Wellcome Trust और अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के माध्यम से भारतीय शोधकर्ताओं को वैश्विक नेटवर्क से जोड़ना।

चुनौतियाँ

  • राज्यों और संस्थानों में फंड का समय पर वितरण और उपयोग सुनिश्चित करना।

  • सीमित वैज्ञानिक सुविधाओं वाले क्षेत्रों में अवसंरचना निर्माण।

  • कम विकसित क्षेत्रों में प्रतिभा आकर्षित करना और बनाए रखना।

  • अकादमिक स्वतंत्रता बनाए रखते हुए शोध के प्रभाव में अनुवाद सुनिश्चित करना।

स्थैतिक तथ्य

  • BRCP की शुरुआत: Phase I – 2008‑09, Phase II – 2018‑19।

  • फेज़ III अवधि: 2025‑26 से 2030‑31, अनुदान 2037‑38 तक।

  • कुल बजट: ₹1,500 करोड़ (DBT: ₹1,000 करोड़, WT: ₹500 करोड़)

  • लाभार्थी: 2,000+ छात्र और पोस्टडॉक्टोरल फैलो।

  • लक्ष्य: महिला शोधकर्ताओं के लिए 10–15% समर्थन वृद्धि।

  • तकनीकी लक्ष्य: 25–30% सहयोगात्मक कार्यक्रम TRL‑4+ तक पहुँचें।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

35 mins ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

3 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

4 hours ago

जयंद्रन वेणुगोपाल रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड का चेयरमैन और सीईओ नियुक्त

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने 3 दिसंबर 2025 को घोषणा की कि फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ…

4 hours ago

मेघालय 2025 में शिलांग में क्षेत्रीय AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेज़बानी करेगा

पूर्वोत्तर भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण…

4 hours ago