प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले दो वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की लागत के साथ ‘मिशन मौसम’ को मंजूरी दे दी। मिशन मौसम को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से कार्यान्वित किया जाएगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के नेतृत्व में इस मिशन का उद्देश्य वायुमंडलीय विज्ञान में अनुसंधान और विकास को बढ़ाना और मौसम पूर्वानुमान और प्रबंधन में सुधार करना है। यह पहल मौसम की भविष्यवाणी में नए मानक स्थापित करने के लिए उन्नत अवलोकन प्रणाली, उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों को एकीकृत करेगी।
इस मिशन के तहत भारत के मौसम और जलवायु-संबंधी विज्ञान, अनुसंधान एवं सेवाओं को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए एक बहुआयामी और परिवर्तनकारी पहल की परिकल्पना की गई है। यह मौसम की चरम घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में नागरिकों सहित हितधारकों को बेहतर ढंग से तैयार करने में मदद करेगा।
यह महत्वाकांक्षी कार्यक्रम लंबे समय में समुदायों, क्षेत्रों और इकोसिस्टम की क्षमता एवं अनुकूलन को व्यापक बनाने में सहायता करेगा। इस मिशन के जरिये भारत, वायुमंडलीय विज्ञान, विशेष रूप से मौसम निगरानी, मॉडलिंग, पूर्वानुमान और प्रबंधन में अनुसंधान एवं विकास तथा क्षमता का तेजी से विस्तार करेगा। इसके तहत उन्नत अवलोकन प्रणालियों, हाईटेक कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करके अधिक स्पष्टता के साथ मौसम की भविष्यवाणी की जा सकेगी।
वर्तमान सटीकता स्तर: आईएमडी ने पिछले पांच वर्षों में दैनिक वर्षा पूर्वानुमानों के लिए 80% सटीकता और पांच दिवसीय पूर्वानुमानों के लिए 60% सटीकता की रिपोर्ट की है। हाल ही में किए गए सुधारों ने जुलाई में सटीकता को 88% तक बढ़ा दिया है, जो कि बेहतर डेटा और निर्णय समर्थन प्रणालियों के कारण है।
बेहतर पूर्वानुमान: मौसम संबंधी सलाह और नाउकास्ट प्रौद्योगिकियों में बेहतर सटीकता, अगले 5-6 वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
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