भारत ने अगली पीढ़ी की दूरसंचार तकनीक में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस दिशा में, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (IIT बॉम्बे) ने “उच्च-बैंडविड्थ 6G वायरलेस लिंक के लिए ऑप्टिकल ट्रांसीवर चिपसेट” विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह पहल दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (TTDF) के तहत दूरसंचार विभाग (DoT) की 6G प्रस्ताव कॉल के अंतर्गत आती है। इसका उद्देश्य 2030 तक भारत को 6G नवाचार और कार्यान्वयन में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करना है, जिसमें किफायती, टिकाऊ और व्यापक तकनीक पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
समझौते की मुख्य विशेषताएँ
उद्देश्य
- 6G वायरलेस लिंक के लिए उच्च-बैंडविड्थ ऑप्टिकल ट्रांसीवर चिपसेट विकसित करना।
- ग्रामीण और कठिन भूभागों में हाई-स्पीड संचार सक्षम बनाना।
महत्व
- उन क्षेत्रों में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी का समर्थन, जहां ऑप्टिकल फाइबर बिछाना कठिन है।
- सैटेलाइट तकनीक का उपयोग करके दूरस्थ क्षेत्रों में निर्बाध उच्च-बैंडविड्थ संचार सुनिश्चित करना।
- “आत्मनिर्भर भारत” और “भारत 6G” के दृष्टिकोण के साथ तालमेल।
वित्तपोषण प्रणाली
- दूरसंचार विभाग (DoT) की TTDF 6G प्रस्ताव कॉल के तहत अनुसंधान और विकास को गति देना।
चिपसेट के अनुप्रयोग
- 6G प्रौद्योगिकी के लिए फ्री-स्पेस कोहेरेंट ऑप्टिकल लिंक सक्षम करना।
- ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराना।
- सैटेलाइट समर्थन के माध्यम से चुनौतीपूर्ण भूभागों में मजबूत कनेक्टिविटी प्रदान करना।
संबंधित पक्ष और उनके योगदान
C-DOT
- दूरसंचार विभाग के तहत प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र।
- 6G अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी दूरसंचार हार्डवेयर विकसित करने पर केंद्रित।
IIT बॉम्बे
- दूरसंचार क्षेत्र में अनुसंधान और विकास क्षमताओं को मजबूत करने के लिए सहयोग।
- परियोजना के लिए प्रधान अन्वेषक प्रोफेसर शलभ गुप्ता के नेतृत्व में।
नेतृत्व की टिप्पणियाँ
डॉ. राजकुमार उपाध्याय (CEO, C-DOT)
- भारत की विविध संचार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी तकनीकों के महत्व पर जोर दिया।
- आत्मनिर्भर भारत और भारत 6G के विकास के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की।
प्रो. शलभ गुप्ता
- इस अवसर के लिए आभार व्यक्त किया और दूरसंचार में अत्याधुनिक अनुसंधान और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की भूमिका को रेखांकित किया।
व्यापक दृष्टि और लक्ष्य
अनुसंधान लक्ष्य
- निर्बाध उच्च-बैंडविड्थ 6G कनेक्टिविटी के लिए उन्नत चिपसेट विकसित करना।
- वैश्विक 6G प्रौद्योगिकी दौड़ में भारत की क्षमताओं को बढ़ाना।
राष्ट्रीय विकास
- अल्पसेवित क्षेत्रों में कनेक्टिविटी अंतर को दूर करके डिजिटल समावेशन में सुधार।
- दूरसंचार में तकनीकी आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में भारत को आगे बढ़ाना।
सारांश/स्थिर | विवरण |
समाचार में क्यों? | C-DOT और IIT बॉम्बे ने स्वदेशी 6G ऑप्टिकल चिपसेट के लिए सहयोग किया। |
परियोजना का शीर्षक | उच्च-बैंडविड्थ 6G वायरलेस लिंक के लिए ऑप्टिकल ट्रांसीवर चिपसेट। |
सहयोगी संगठन | C-DOT और IIT बॉम्बे। |
वित्तपोषण प्रणाली | दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (TTDF) 6G प्रस्ताव कॉल। |
उद्देश्य | 6G वायरलेस लिंक के लिए उच्च-बैंडविड्थ ऑप्टिकल ट्रांसीवर विकसित करना। |
अनुप्रयोग | ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम-मील कनेक्टिविटी और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए उपग्रह-आधारित संचार। |
मुख्य हितधारक | डॉ. राजकुमार उपाध्याय (CEO, C-DOT), प्रो. शलभ गुप्ता (IIT बॉम्बे)। |
दृष्टि | आत्मनिर्भर भारत, भारत 6G। |
तैनाती का लक्ष्य वर्ष | 2030। |
मुख्य विशेषताएँ | किफायती, टिकाऊ और व्यापक 6G समाधान। |