भारत के सबसे प्रदूषित और सबसे स्वच्छ शहरों की रिपोर्ट जारी
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बर्नीहाट (मेघालय) भारत का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया, जहां पीएम 2.5 का औसत स्तर 133 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (µg/m³) दर्ज किया गया, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षित सीमा 40 µg/m³ से कहीं अधिक है। इसके बाद दिल्ली का स्थान रहा, जहां पीएम 2.5 का औसत स्तर 87 µg/m³ रहा।
अन्य अत्यधिक प्रदूषित शहरों में हाजीपुर (बिहार), गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश), और गुड़गांव (हरियाणा) शामिल हैं। इसके साथ ही सासाराम, पटना और राजगीर (बिहार), तथा तालचेर और राउरकेला (ओडिशा) को भी देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में स्थान मिला है।
पीएम 2.5 क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?
पीएम 2.5 वे सूक्ष्म कण होते हैं जिनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। ये कण फेफड़ों के गहराई तक जा सकते हैं और रक्त प्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे दमा, हृदय रोग, और सांस की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। भारत की राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) के अनुसार, पीएम 2.5 का सुरक्षित स्तर 40 µg/m³ है, लेकिन कई शहर इस सीमा से काफी ऊपर हैं।
डेटा स्रोत और निगरानी विवरण
यह अध्ययन क्लाइमेट एनर्जी रिसर्च एनालिटिक्स (CREA) द्वारा CAAQMS डेटा के आधार पर किया गया, जो 293 शहरों की वायु गुणवत्ता की निगरानी करता है। इनमें से:
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122 शहरों ने भारत के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को पार कर लिया है।
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117 शहर अब भी सुरक्षित सीमा के भीतर हैं।
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259 शहरों ने साल के केवल जून महीने तक ही वार्षिक पीएम 2.5 की सीमा पार कर ली, जिससे यह संकेत मिलता है कि ये वर्ष भर असुरक्षित रह सकते हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत 131 शहरों की निगरानी की जा रही है, जिनमें से 98 में CAAQMS स्थापित किए जा चुके हैं।
भारत के सबसे स्वच्छ शहर
रिपोर्ट के अनुसार, मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल देश का सबसे स्वच्छ शहर रहा, जहां पीएम 2.5 का औसत स्तर मात्र 8 µg/m³ रहा, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 5 µg/m³ की सीमा से थोड़ा अधिक है।
अन्य स्वच्छ शहरों में शामिल हैं:
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तिरुपुर और तिरुनेलवेली (तमिलनाडु)
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बरेली और वृंदावन (उत्तर प्रदेश)
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मैहर (मध्य प्रदेश)
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इंफाल (मणिपुर)
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चामराजनगर और चिकमंगलूरु (कर्नाटक)
यह रिपोर्ट भारत में वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति को दर्शाती है, साथ ही बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों की पहचान कर सकारात्मक उदाहरण भी पेश करती है।