2030 तक मुंबई, दिल्ली और 6 अन्य शहरों में हीटवेव में दोगुनी होगी वृद्धि

भारत एक बड़े जलवायु संकट के कगार पर खड़ा है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि 2030 तक मुंबई, दिल्ली, चेन्नई सहित आठ प्रमुख शहरों में हीटवेव (लू) वाले दिनों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। यह अध्ययन IPE Global और Esri India द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है और “Weathering the Storm: Managing Monsoons in a Warming Climate” शीर्षक से 10 जून 2025 को नई दिल्ली में आयोजित International Global-South Climate Risk Symposium में जारी किया गया।

अध्ययन के प्रमुख बिंदु

  • दोगुनी हीटवेव घटनाएं: 2030 तक मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, सूरत, हैदराबाद, पटना, भुवनेश्वर और ठाणे जैसे शहरों में लू के दिनों की संख्या दोगुनी हो सकती है।

  • 43% अधिक तीव्र वर्षा: पूरे भारत में अत्यधिक वर्षा की तीव्रता में 43% की वृद्धि होने की संभावना।

  • मानसून पैटर्न में बदलाव: मानसून के दौरान गर्मी जैसी परिस्थितियां लंबी होती जा रही हैं।

  • क्षेत्रीय खतरे: गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, ओडिशा, उत्तराखंड जैसे राज्यों के 80% जिलों में हीट स्ट्रेस और अनियमित वर्षा दोनों का खतरा है।

वैज्ञानिक आंकड़े

  • 1993–2024 के बीच अत्यधिक गर्मी वाले दिनों में 15 गुना वृद्धि; पिछले 10 वर्षों में 19 गुना इजाफा।

  • 72% टियर-I और टियर-II शहरों में तूफान, बिजली, हीटवेव जैसी जलवायु चरम स्थितियां अधिक होंगी।

  • 2030 तक 69% और 2040 तक 79% तटीय जिलों में मानसून के दौरान हीट स्ट्रेस का सामना करना पड़ेगा।

विशेषज्ञों की राय

  • अभिनाश मोहंती (IPE Global): “भारत अब अधिक गर्म और अधिक गीला हो गया है; एल-नीनो और ला-नीना की घटनाएं चरम स्थितियों को बढ़ा रही हैं।”

  • अजेन्द्र कुमार (Esri India): “भूमि उपयोग में बदलाव, वनों की कटाई और मैन्ग्रोव के नुकसान से स्थानीय जलवायु जोखिम तेजी से बढ़ रहे हैं।”

अध्ययन की सिफारिशें

  1. जलवायु जोखिम वेधशाला (CRO) की स्थापना – GIS, Earth Observation और मॉडलिंग के जरिए जोखिमों की निगरानी।

  2. हाइपर-ग्रैन्युलर मूल्यांकन – कृषि, शहरी योजना और आपदा प्रबंधन के लिए सूक्ष्म स्तर पर आकलन।

  3. जोखिम वित्तीय साधन – आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए विशेष वित्तीय उपाय।

  4. हीट-रिस्क चैंपियंस – प्रत्येक जिले के आपदा प्रबंधन निकाय में नियुक्ति।

पृष्ठभूमि और संदर्भ

यह अध्ययन संयुक्त राष्ट्र महासचिव की ‘एक्सट्रीम हीट’ पर कार्रवाई की पुकार और ग्लोबल साउथ की जलवायु अनुकूलन की चिंताओं के अनुरूप है। यह शहरी क्षेत्रों में जलवायु सहनशीलता और नीति-निर्धारण की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।

सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों है खबरों में? 2030 तक मुंबई, दिल्ली सहित 8 शहरों में हीटवेव की घटनाएं दोगुनी होंगी।
प्रभावित शहर मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, ठाणे, हैदराबाद, सूरत, पटना, भुवनेश्वर
हीटवेव प्रवृत्ति 2030 तक लू (हीटवेव) के दिनों में दो गुना वृद्धि
अत्यधिक वर्षा तीव्रता में 43% की वृद्धि
तटीय हीट स्ट्रेस 2030 तक 69%, 2040 तक 79% जिलों में मानसून के दौरान हीट स्ट्रेस
मुख्य जलवायु जोखिम हीट स्ट्रेस, अनियमित वर्षा, तूफान, ओलावृष्टि
प्रस्तावित समाधान जलवायु जोखिम वेधशाला, जोखिम वित्तपोषण, हीट-रिस्क चैंपियनों की नियुक्ति
प्रौद्योगिकीय उपाय GIS मैपिंग, रियल-टाइम जलवायु मॉडल की निगरानी
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

प्रधानमंत्री ने WHO ग्लोबल समिट में अश्वगंधा पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…

4 hours ago

भारत और नीदरलैंड ने संयुक्त व्यापार और निवेश समिति (JTIC) का गठन किया

भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…

6 hours ago

जम्मू-कश्मीर को अपना पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस मिला

जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…

6 hours ago

ISRO ने RESPOND बास्केट 2025 लॉन्च किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…

8 hours ago

PM मोदी ने किया गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…

8 hours ago

मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष में जाने वाली पहली व्हीलचेयर यूज़र बनकर इतिहास रचेंगी

जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…

10 hours ago