कर्नाटक के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री, केशव रेड्डी सुधाकर ने ‘निमोनिया को सफलतापूर्वक रोकनेहेतु सामाजिक जागरूकता और कार्रवाई (SAANS)’ अभियान शुरू किया है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया की शीघ्र पहचान और अधिक जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है। SRS 2018 के अनुसार, कर्नाटक में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर, प्रति 1,000 जीवित जन्म लिए बच्चों पर मरने वाले बच्चों की संख्या 28 है।
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निमोनिया, फेफड़ों में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है जो वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण के कारण होता है। राज्य का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर को घटाकर प्रति 1,000 जीवित जन्म लिए बच्चों पर मरने वाले बच्चों की संख्या 23 करना है। साथ ही, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, निमोनिया मृत्यु दर को प्रति 1,000 जीवित जन्म लिए बच्चों की मृत्यु दर 3 से कम तक करना होगा।
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