भारतीय रिजर्व बैंक ने नए वित्त वर्ष (2017-18) की पहली द्वि-मासिक मौद्रिक नीति समीक्षा जारी की है. इसमें रिजर्व बैंक ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखा है.
आरबीआई ने हालांकि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर के लिए अपने दृष्टिकोण (Outlook) को पिछले वर्ष के 6.7% से बढ़ाकर 7.4% कर दिया है. वित्त वर्ष 2017-18 में, पहली छमाही में मुद्रास्फ़ीति का अनुमान लगभग 4.5% है और दूसरी छमाही में 5% है.
नयी मौद्रिक नीति में विभिन्न दरें इस प्रकार हैं–
आरबीआई ने हालांकि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर के लिए अपने दृष्टिकोण (Outlook) को पिछले वर्ष के 6.7% से बढ़ाकर 7.4% कर दिया है. वित्त वर्ष 2017-18 में, पहली छमाही में मुद्रास्फ़ीति का अनुमान लगभग 4.5% है और दूसरी छमाही में 5% है.
नयी मौद्रिक नीति में विभिन्न दरें इस प्रकार हैं–
- तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रेपो दर को 6.25% पर अपरिवर्तित रखा गया है.
- तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रिवर्स रिपो रेट (आरआरआर) को 5.75% से बढ़ाकर 6% कर दिया गया है.
- सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर को 6.75% से कमकर 6.50% कर दिया गया है.
- नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4% पर अपरिवर्तित रखा गया है और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) भी 20.50% पर अपरिवर्तित रखा गया है.
स्रोत – RBI



मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का...
राष्ट्रीय संरक्षण कार्यक्रम: भारत में बा...
Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 ...

