वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी राछर्ला साम्राज्यं का विशाखापत्तनम में निधन हो गया. वह 98 वर्ष की थीं. 1942 में अनंतापुर में जब वह हिंदी प्रचारक की ट्रेनिंग पर थीं तब वह भारत छोड़ो आंदोलन से प्रेरित हुईं. उन्होंने अपनी ट्रेनिंग छोड़ दी और भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हो गईं.
स्रोत – दैनिक जागरण