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भारत ने बाल मजदूरी पर दो प्रमुख आईएलओ संधियों की पुष्टि की

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स्विट्जरलैंड के जिनेवा में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, भारत ने बाल मजदूरी पर दो प्रमुख ILO संधियों  की पुष्टि की है. जिनेवा में श्रम मंत्री बांडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि अनुसमर्थन ने भारत की “बाल मजदूरी मुक्त समाज के प्रति प्रतिबद्धता” की पुष्टि की है.

ILO के अनुसार, भारत सरकार ने बाल मजदूरी के उन्मूलन से संबंधित दो मूलभूत ILO संधियों  the Minimum Age Convention (No 138) और the Worst Forms of Child Labour Convention (No 182) के अनुसमर्थन के अंतर्राष्ट्रीय श्रम कार्यालय के साथ निक्षिप्त किया है.

कन्वेंशन नंबर 138 को मंजूरी देने के लिए भारत 170 वां ILO सदस्य राष्ट्र है, जिसके लिए राष्ट्र को एक न्यूनतम आयु निर्धारित करने की आवश्यकता है जिसके कम आयु के व्यक्ति को हल्के कार्य और कलात्मक प्रदर्शन को छोड़कर किसी भी व्यवसाय में रोजगार या काम में भर्ती नहीं किया जाएगा. इसके साथ – साथ,भारत कन्वेंशन संख्या 182 को पुष्टि करने वाला 181वां सदस्य है, जो दासता, जबरन श्रम और तस्करी; सशस्त्र संघर्ष में बच्चों का उपयोग; वेश्यावृत्ति, अश्लीलता और अवैध गतिविधियों(जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी) में एक बच्चे के उपयोग ; और खतरनाक काम सहित बाल मजदूरी के सबसे खराब स्वरूपों के निषेध और उन्मूलन की मांग करता है.


उपरोक्त समाचार से महत्वपूर्ण तथ्य-

  • आईएलओ के महानिदेशक गाए रायडर हैं.
  • आईएलओ 1919 में स्थापित किया गया था.
  •  ILO का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है .
स्रोत- द हिंदू बिजनेस लाइन

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