कवि और उपन्यास लेखिका पद्मा सचदेव को प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया है.
उन्हें डोगरी भाषा में अपनी जीवनी ‘चित्त चेते’ के लिए 2015 का सरस्वती पुरस्कार दिया गया है. 76-वर्षीय लेखिका की जीवनी 2007 में प्रकाशित हुई थी और इसे 2005 से 2014 के बीच विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित 22 पुस्तकों में से चुना गया.