केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन के पास अब अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों की संख्या सबसे अधिक है तथा 10 और भारतीय स्थलों के रामसर सूची में शामिल होने से इनकी कुल संख्या 64 हो गई है। रामसर सूची का उद्देश्य आर्द्रभूमियों का एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क विकसित करना और इसे सुरक्षित रखना है, जो इनके पारिस्थितिकी तंत्र घटकों, प्रक्रियाओं और लाभों के संरक्षण के जरिए वैश्विक जैविक विविधता की सुरक्षा तथा मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
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सूची में शामिल किए गए 10 नए स्थलों में से तमिलनाडु के छह और गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश तथा ओडिशा का एक-एक स्थल शामिल है। ये आर्द्रभूमि स्थल देश में 12,50,361 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हैं। रामसर ईरान में स्थित वह स्थान है, जहाँ 1971 में अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इन 10 नामों को सूची में मिली जगह
क्रमांक | आर्द्रभूमि का नाम | हेक्टेयर में क्षेत्रफल | राज्य |
1 | कोंथनकुलम पक्षी अभयारण्य | 72.04 | तमिलनाडु |
2 | सतकोसिया गॉर्ज | 98196.72 | ओडिशा |
3 | नंदा झील | 42.01 | गोवा |
4 | मन्नार की खाड़ी समुद्री जीवमंडल रिजर्व | 52671.88 | तमिलनाडु |
5 | रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य | 517.70 | कर्नाटक |
6 | वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स | 19.75 | तमिलनाडु |
7 | वेलोड पक्षी अभयारण्य | 77.19 | तमिलनाडु |
8 | सिरपुर आर्द्रभूमि | 161 | मध्यप्रदेश |
9 | वेदान्थंगल पक्षी अभयारण्य | 40.35 | तमिलनाडु |
10 | उदयमर्थनपुरम पक्षी अभयारण्य | 43.77 | तमिलनाडु |