Home   »   भारतीय सेना खरीद रही है जोरावर...

भारतीय सेना खरीद रही है जोरावर टैंक, जानें विस्तार से

भारतीय सेना खरीद रही है जोरावर टैंक, जानें विस्तार से |_3.1

एलएसी पर चीन के साथ सैन्य गतिरोध तथा भविष्य के खतरे को देखते हुए भारतीय सेना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस टैंक जोरावर खरीदने जा रही है। जोरावर का नाम भारत के प्राचीन समय के सेनानायक जोरावर सिंह कहलुरिया के नाम पर रखा गया है जिन्होंने लद्दाख, तिब्बत, बाल्टिस्तान और स्कदरू आदि को जीता था।

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

बीते दो सालों से LAC पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चीन के साथ चल रहे टकराव के मद्देनजर सेना को अपने विरोधी पर आपरेशनल बढ़त हासिल करने के लिए हल्के टैंकों की जरूरत महसूस हो रही है। इसी लिहाज से ‘जोरावर’ को उच्च ऊचाई वांले पहाड़ी क्षेत्रों, सीमांत इलाकों से लेकर द्वीप क्षेत्रों तक अलग-अलग इलाकों में तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है। 

जोरावर लाइट टैंक: मुख्य बिंदु 

  • सेना भविष्य की जंग के लिए अपने बख्तरबंद वाहनों के आधुनिकीकरण से लेकर नए हथियार के रूप में झुंड ड्रोन के साथ-साथ काउंटर ड्रोन सिस्टम को भी शामिल कर रही है। 
  • लाइट वेट टैंक जोरावर किसी भी सैन्य आपरेशनल जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा। हल्के होने के कारण इसे कठिन भौगोलिक इलाकों में कम समय में ले जाना ज्यादा सुलभ होगा।
  • खास बात यह है कि जोरावर लाइट टैंक होने के बावजूद दुश्मन पर निशाना साधने में लगभग भारी टैंक की क्षमता के समान होगा। 
  • चीन ने बड़ी संख्या में अपनी सेना में अत्याधुनिक हथियारों को शामिल किया है और इसमें लाइट टैंक भी शामिल हैं। ऐसे में जोरावर जैसा टैंक बेहद कारगर होगा।
  • रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद अगले महीने जोरावर के लिए स्वीकृति की आवश्यकता (AON) को मंजूरी देगी। वैसे रक्षा मंत्रालय इस पर अपनी सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही दे चुका है।
  • सेना ने ‘जोरावर’ टैंक का डिजायन तैयार कर लिया है और उसे इसकी खरीद के लिए सरकार की ओर से हरी झंडी भी मिल गई है। 
  • इन टैंकों की खरीद रक्षा खरीद प्रक्रिया 2020 की मेक इन इंडिया श्रेणी के तहत आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। 
  • इस टैंक को बनाने के लिए घरेलू रक्षा उद्योग से संपर्क कर सेना की ओर से डिजायन टैंक बनाने को कहा गया है। यह टैंक भारतीय सेना की जरूरतों व भौगोलिक क्षेत्रों के अनुरूप तो होगा। 
  • साथ ही में यह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, बचाव प्रणाली और खतरों को भांपने की प्रौद्योगिकी से भी लैस होगा।

Find More News Related to Defence

In Dhaka, the 52nd BGB-BSF DG level conference begins_80.1

भारतीय सेना खरीद रही है जोरावर टैंक, जानें विस्तार से |_5.1